सरकाघाट में बुजुर्ग महिला से बदसलूकी मामले में फिर विवाद, पंचायत के पास पहुंचा मामला Mandi News
जिला मंडी के सरकाघाट उपमंडल के बड़ा समाहल गांव की बुजुर्ग महिला राजदेई से बदसलूकी मामले में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है।
सरकाघाट, जेएनएन। जिला मंडी के सरकाघाट उपमंडल के बड़ा समाहल गांव की बुजुर्ग महिला राजदेई से बदसलूकी मामले में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। मामले में एक बार फिर तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। इस बार आरोपितों ने वृद्ध राजदेई के घर पेयजल पाइप का व्हील तोड़कर उन्हें पानी से वंचित कर दिया है। राजदेई ने अपनी बेटी तृप्ता के माध्यम से ग्राम पंचायत प्रधान गाहर, कुलदीप शर्मा को लिखित शिकायत सौंपकर मौका देखने और आरोपितों पर कार्रवाई करने की मांग की है। तृप्ता देवी कहना है तोड़फोड़ करने वाला उन्हीं 24 आरोपितों में से कोई है, जिन्होंने पहले उनकी मां के मुंह पर कालिख पोत बेइज्जत किया था।
घटना होली वाले दिन 10 मार्च की बताई जा रही है। इन दिनों राजदेई की ओर से मकान की मरम्मत व रंगरोगन का काम करवाया जा रहा है। बुजुर्ग महिला की छोटी बेटी तृप्ता की निगरानी में रंगरोगन का काम मज़दूर कर रहे हैं। उधर ग्राम पंचायत गाहर की एनओसी के बाद ही हाईकोर्ट से 24 आरोपितों की सशर्त ज़मानत हुई थी। प्रधान ने राजदेई व इनके मकान की सुरक्षा की सारी ज़िम्मेदारी ख़ुद ली है। ऐसे में फिर से घर में तोड़फोड़ का होना आरोपितों की ज़मानत को रद करवाने का एक आधार बन सकता है। पंचायत प्रधान गाहर कुलदीप शर्मा के अनुसार तोड़फोड़ की शिकायत वृद्धा राजदेई की बेटी तृप्ता के माध्यम से मिली है। पंचायत मौके पर जाकर स्थिति देखेगी।
क्या थे आरोपितों को आदेश
वृद्धा के दामाद एडवोकेट अजय कुमार ठाकुर ने बताया सभी 24 आरोपित हाईकोर्ट से सशर्त ज़मानत पर छूट गए हैं। लेकिन हाईकोर्ट ने इन सब को बड़ा समाहल गांव से पांच किलोमीटर दूर रहने के सख़्त आदेश भी साथ में जारी किए थे। उन्होंने बताया हाईकोर्ट ने 20 फ़रवरी को एक पिटीशन का निपटारा करते हुए एक आरोपित वचित्र सिंह को इस मामले में राहत देते हुए गांव में प्रवेश की इजाज़त दी है। अजय ठाकुर के अनुसार उनकी जानकारी में इस ऑर्डर की आड़ में अन्य 23 आरोपित भी गांव में प्रवेश कर गए हैं, जबकि हाईकोर्ट के निर्देशानुसर इन 23 आरोपितों को अगले आदेशों तक गांव से पांच किलोमीटर दूर ही रहना है।
क्या है यह मामला
यह वही वृद्धा राजदेई हैं, जिनके मुंह पर कालिख पोत और गले में जूते की माला डाल ग्रामीणों ने देव आस्था के नाम पर अत्याचार किया था। इस मामले को मीडिया ने जब उठाया तो पुलिस ने 24 आरोपितों को गिरफ़्तार किया। लापरवाही बरतने पर इस केस में एक एसएचओ और एक अन्य पुलिस कर्मचारी को भी लाइन हाज़िर कर दिया गया। घटना के बाद सहमी राजदेई गांव छोड़कर क़रीब एक माह तक हमीरपुर में अपनी बेटी तृप्ता और दामाद अजय ठाकुर के पास ही रही थी।