डेढ़ किलो चरस रखने के आरोप से चार लोग बरी
जागरण संवाददाता, मंडी : चरस तस्करी के चार आरोपितों को अभियोग साबित न होने पर अदालत ने बरी
जागरण संवाददाता, मंडी : चरस तस्करी के चार आरोपितों को अभियोग साबित न होने पर अदालत ने बरी कर दिया है। पुलिस आरोपितों के विरुद्ध अदालत में पुख्ता साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। सुंदरनगर पुलिस ने मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 10 दिसंबर 2014 को वाहनों की जांच-पड़ताल के लिए नाका लगा रखा था। कुल्लू के ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर से मूर्ति चोरी की घटना के बाद सभी प्रमुख मार्गो पर नाकाबंदी की गई थी। नाके के दौरान पुलिस ने मंडी की तरफ से आई कर कार को रोककर उसमें रखे सामान की तलाशी ली तो बैग से 1 किलो 710 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने कार सवार चार लोगों सुरेंद्र सिंह, सोहन सिंह, संजीव व गुरप्रीत सिंह के विरुद्ध मादक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। चारों के विरुद्ध पुलिस ने अदालत में अभियोग चलाया था। सुरेंद्र सिंह, गुरप्रीत सिंह, सोहन सिंह व संजीव पंजाब के फतेहगढ़ व लुधियाना के रहने वाले हैं। जिला एवं सत्र न्यायालय में बचाव पक्ष की तरफ से 12 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। इनका आरोप था कि उन्हें पुलिस ने चरस तस्करी के मामले में जानबूझ कर फंसाया है। बचाव पक्ष के वकील महेश चंद्र शर्मा, ललित गुलेरिया, रविंद्र शर्मा व रजत शर्मा ने अदालत के समक्ष दलील दी कि आरोपितों की कार को कुल्लू से लेकर मंडी तक सात से आठ बार चेक किया गया, लेकिन कहीं पर कुछ नहीं मिला। सुंदरनगर में जब उन्होंने तलाशी का विरोध जताया तो पुलिस ने उन पर चरस तस्करी का झूठा केस बना दिया।
विशेष न्यायाधीश कृष्ण कुमार की अदालत ने करीबन साढ़े तीन साल से ज्यादा अरसे से जेल बंद चारों आरोपितों का साक्ष्य के अभाव में बरी कर रिहा करने के आदेश सुनाए।