99 साल बाद शिवरात्रि में शिरकत करेंगी देवी बायला की गुसैण
सुरेंद्र शर्मा मंडी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में इस बार 99 साल बाद देवी बायला गुसैण शिर
सुरेंद्र शर्मा, मंडी
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में इस बार 99 साल बाद देवी बायला की गुसैण शिरकत कर लोगों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देंगी। औट क्षेत्र से संबंध रखने वाले देव खमराधा मार्कंडेय भी 57 साल के बाद शिवरात्रि मेले में आएंगे। सर्वदेवता सेवा समिति ने शिवरात्रि में पहुंचने वाले सभी देवी-देवताओं के स्वागत के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। देव समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली समिति ने पदाधिकारियों, प्रशासन व मेला आयोजन कमेटी से भी बैठक की है।
छोटी काशी मंडी में 12 मार्च से शिवरात्रि मेले का आगाज होगा। मेला आयोजन कमेटी की ओर से सभी पंजीकृत 216 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। निमंत्रण मिलने के बाद कारदारों ने शिवरात्रि के लिए रवाना होने की तैयारी शुरू कर दी है। जंजैहली क्षेत्र में देवी बायला की गुसैण का प्राचीन मंदिर है। क्षेत्र में देव बायला नारायण के समान देवी बायला की गुसैण के प्रति भी लोगों की गहरी आस्था है।
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एक साथ आठ लोग उठाते हैं देवी बायला की गुसैण का रथ
देवी बायला की गुसैण के कारदार हीरा सिंह ने बताया कि 99 साल पहले देवी शिवरात्रि मेले में अंतिम बार गई थीं। इसके बाद देवी के रथ को शिवरात्रि मेले में नहीं ले जाया गया। मंडी शहर व जंजैहली के बीच करीब 90 किलोमीटर की दूरी भी इसमें बाधा रही। देवी के रथ को एक समय आठ लोग उठाते हैं इसलिए देवलुओं की भी कमी रहती थी। इसी गांव से देव बायला नारायण भी शिवरात्रि मेले में शिरक्त करने के लिए रवाना होते हैं।
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देव खमराधा मार्कंडेय ने दिया है शिवरात्रि में जाने का आदेश
कारदार भगतराम का कहना है कि देव खमराधा मार्कंडेय ने शिवरात्रि मेले में जाने का आदेश दिया है। देवता 57 साल बाद मेले में शिरकत करेंगे। देवता का प्राचीन इतिहास है।
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इस वर्ष शिवरात्रि मेले में देवी बायला की गुसैण (जंजैहली) 99 साल बाद व देव खमराधा मार्कंडेय (औट) 57 वर्ष आ रहे हैं। दोनों का इतिहास रियासतकालीन है। तब से आज तक इनको निमंत्रण पत्र प्रशासन की ओर से लगातार जाते रहे हैं।
-शिवपाल शर्मा, अध्यक्ष सर्वदेवता सेवा समिति जिला मंडी।