स्कूल संचालकों की पेट्रोल-डीजल ने बढ़ाई दिक्कत
निजी स्कूलों में कम विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। स्कूल संचालकों ने अभी तक वि
संवाद सहयोगी, मंडी : निजी स्कूलों में कम विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। स्कूल संचालकों ने अभी तक विद्यार्थियों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई है। रोड टैक्स में दबे स्कूल संचालकों की अब पेट्रोल व डीजल ने दिक्कत बढ़ा दी है।
मंडी शहर व इसके आसपास के क्षेत्र में ऐसे स्कूल भी हैं जिनके संचालकों ने विद्यार्थियों को स्कूल पहुंचाने व घर छोड़ने के लिए टैक्सियां हायर की हैं। स्कूल खुलने के बाद अधिकतर टैक्सियां नहीं चल रही हैं। अभिभावक अपने स्तर पर बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। टैक्सी चालक पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने के बाद पुरानी दर पर ही किराया ले रहे हैं। अब वे किराया बढ़ाने की सोच रहे हैं।
शीला देवी, कंचन, रीता व मेघा ने बताया कि उनके बच्चे खलियार क्षेत्र के निजी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करते हैं। उन्होंने कहा कि टैक्सी का किराया अभी नहीं बढ़ा है। जिस तरह पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ रहे हैं उससे स्कूल संचालक भी किराया बढ़ा सकते हैं।
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सरकार ने पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ा दिए हैं लेकिन स्कूल संचालक पुरानी दरों पर ही किराया ले रहे हैं। टैक्सी चालक हालांकि किराया बढ़ाने का दबाव बना रहे हैं लेकिन अगले सत्र से इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
-दिनेश कुमार, कोषाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश निजी स्कूल संचालक संघ
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शहर के स्कूलों में बच्चों को परिवहन की सुविधा टैक्सियों के माध्यम से दी जा रही है। टैक्सी का किराया स्कूल संचालकों के साथ बातचीत कर निर्धारित किया जाता है। पेट्रोल-डीजल के दाम तीन बार बढ़ने से अब आगामी बैठक में किराये में बदलाव होगा।
-प्रवीण कुमार, सचिव, टैक्सी यूनियन मंडी