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आशा वर्करों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए

संवाद सहयोगी मंडी जिला मंडी की आशा वर्करों ने स्थायी नीति बनाने व उन्हें स्वास्थ्य विभाग में

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 06:01 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 06:01 PM (IST)
आशा वर्करों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए
आशा वर्करों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए

संवाद सहयोगी, मंडी : जिला मंडी की आशा वर्करों ने स्थायी नीति बनाने व उन्हें स्वास्थ्य विभाग में समायोजित करने की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार लगाई है। सोमवार को मंडी स्थित परिधि गृह में आशा वर्कर संघ जिला मंडी का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला।

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जिला प्रधान कौशल्या देवी, हरिता, ललिता व यशवंती ने बताया कि आशा वर्कर कई साल से कठिन परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य सहित अन्य विभागीय कार्य कर रही हैं, लेकिन इसकी एवज में उन्हें मासिक मानदेय कम दिया जा रहा है, उससे परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। कोरोना संकट में भी जान जोखिम में डालते हुए स्वास्थ्य विभाग के लिए सराहनीय कार्य किया है।

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24 घंटे खोला जाए जिला पुस्तकालय

संवाद सहयोगी, मंडी : मंडी स्थित जिला पुस्तकालय को 24 घंटे खोलने की पाठकों ने मांग की है। सोमवार को मंडी में कॉलेज विद्यार्थियों सहित पाठकों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। इस पर मुख्यमंत्री ने समस्या का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया है।

पाठक ललिता ठाकुर, शुभम, प्रकाश, रिकू, भूपेश, जिवेश अमन, संजय व राजन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के समय जिला पुस्तकालय को भी स्कूल तथा अन्य संस्थानों की तरह बंद कर दिया गया था। लेकिन अब कोरोना का असर कम होने के साथ ही स्कूल व अन्य सरकारी कार्यालय खुल गए हैं, लेकिन जिला पुस्तकालय में अभी भी उपर से मिले दिशा निर्देशों का हवाला देकर सभी पाठकों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। पहले ही जिला पुस्तकालय में पाठकों के लिए स्थान का अभाव है। पुस्तकालय में अध्ययन करने आने वाले आधे पाठकों को बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है। क्योंकि कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए 50 फीसद पाठकों को ही प्रवेश करवाया जा रहा है। वार्षिक परीक्षाएं सिर पर हैं और पाठक अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी पुस्तकालय में बैठकर तैयारी कर रहे है। प्रवेश न मिलने से छात्रों को तैयारी करने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त पुस्तकालय के दरवाजे पहले जहां चौबीस घंटे पाठकों के लिए खुले रहते थे अब सुबह दस बजे से लेकर पौने पांच बजे तक ही पाठक पुस्तकालय में प्रवेश कर सकते है।


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