थर्मल स्कैनिंग में पास होने पर ही मेडिकल कॉलेज में प्रवेश
मेडिकल कॉलेज नेरचौक में आने वाले मरीजों व तीमारदारों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा।
जागरण संवाददाता, मंडी : मेडिकल कॉलेज नेरचौक में आने वाले मरीजों व तीमारदारों को थर्मल स्कैनिग में पास होने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। मेडिकल कॉलेज में 22 फरवरी से शुरू होने वाली ओपीडी के लिए मरीजों व कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। यहां केवल दोपहर एक बजे तक ही मरीजों के लिए पर्ची बनेगी। दोपहर बाद ऐसे रोगियों को ही मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल पाएगा जिन्हें इलाज की तत्काल जरूरत होगी।
मेडिकल कॉलेज में ओपीडी 11 महीने बाद शुरू होगी। गेट पर सुरक्षा कर्मी के अलावा दो डॉक्टर बैठाए जाएंगे। थर्मल स्कैनिग में अगर मरीज या तीमारदार में बुखार के लक्षण पाए गए तो उन्हें फ्लू ओपीडी में भेज दिया जाएगा। वहां उनका टेस्ट किया जाएगा। अगर वे कोरोना पॉजिटिव आते हैं तो उन्हें बीबीएमबी में बनाए कोरोना अस्पताल में भेजा जाएगा। कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही अस्पताल में उपचार किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आपातकालीन वार्ड को सारी वार्ड बनाया है। इस वार्ड में सात से आठ बिस्तर हैं। यहां पर किसी भी कोरोना संदिग्ध मरीज को टेस्ट रिपोर्ट आने तक रखा जाएगा। पर्ची बनने के बाद मरीज जब ओपीडी में आएगा तो उसके साथ एक तीमारदार होगा। उसके बाद वहां सैनिटाइजेशन के बाद ही प्रवेश मिलेगा। ओपीडी में दो से तीन डॉक्टरों की टीम मरीज की जांच करेगी। आपातकालीन स्थित में होंगे ऑपरेशन
मेडिकल कॉलेज नेरचौक में ऑपरेशन केवल आपातकालीन स्थिति में ही किए जाएंगे। इसके लिए अस्पताल प्रशासन व्यवस्था बनाएगा। इन दिनों डॉक्टरों की छुट्टियां हैं। उनके आने के बाद ही आगामी कार्रवाई होगी।
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मेडिकल कॉलेज में खांसी जुकाम से पीड़ित मरीजों की पहले जांच होगी। इसके बाद ही उन्हें अस्पताल में प्रवेश मिलेगा।
डा. आरसी ठाकुर, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज नेरचौक