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बिना जुर्माना जमा करवाएं पुराने केसों का टैक्स

अपने पुराने बकाया चुकाने व पुराने टैक्स या रिटर्न आदि न भरने के कारण पशोपेश में फंसे ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 05:06 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 05:06 PM (IST)
बिना जुर्माना जमा करवाएं पुराने केसों का टैक्स
बिना जुर्माना जमा करवाएं पुराने केसों का टैक्स

अपने पुराने बकाया चुकाने व पुराने टैक्स या रिटर्न आदि न भरने के कारण पशोपेश में फंसे जिला के व्यापारियों के लिए आबकारी विभाग बड़ी राहत दे रहा है। विभाग के ऐसे करदाताओं को हिमाचल सरकार ने एचपी लिगेसी केस रेजोलुशन स्कीम के तहत 30 सितंबर तक पुराने केस 10 प्रतिशत सेटलमेंट फीस के साथ सेटल करने का समय दिया है। इसमें इनको किसी तरह का ब्याज और अतिरिक्त जुर्माना नहीं देना होगा। यही नहीं, विभाग ने कोरोना महामारी के कारण कम हुई जिले की इनकम को भी जून माह तक लगभग 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है। विभाग द्वारा लॉकडाउन और उसके बाद किए गए कार्यों को लेकर विभाग के उपायुक्त आबकारी एवं कराधान विभाग अनुपम कुमार सिंह से जागरण संवाददाता मुकेश मेहरा ने बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश..

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-प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एचपी लिगेसी केस रेजोलुशन स्कीम क्या है और व्यापारियों के लिए इसके क्या लाभ हैं?

कई व्यापारियों के पुराने टैक्स संबंधित केस पेंडिग चल रहे हैं। इन केसों का आंकड़ा लगभग 12000 से अधिक है। आमतौर पर देय कर को न देने, देरी से देने, रिटर्न न भरने, देरी से भरने के लिए व्यापारियों को उस पर ब्याज व जुर्माना आदि चुकाना पड़ता है, लेकिन इस नई योजना के तहत व्यापारी को अपने पुराने मामलों में जितना टैक्स बनता है उसके साथ केवल 10 प्रतिशत सेटलमेंट फीस ही अदा करनी होगी। इसमें किसी तरह का ब्याज व जुर्माना नही लिया जाएगा। इससे व्यापारी आराम से अपना पुराना टैक्स भर सकेंगे। इसमें वैट, लग्जरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि शामिल रहता है। इसके अलावा व्यापारी अपने पुराने बकाया भी इसी तर्ज पर निपटा सकते हैं। इसमें भी ब्याज व जुर्माना नही लिया जाएगा।

-क्या सभी तरह के टैक्स एवं बकाया के लिए व्यापारियों को यह सुविधा है?

यह सुविधा केवल जीएसटी एक्ट में समायोजित हुए एक्ट जैसे वैट, लग्जरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि के तहत आने वाले मामलों से संबंधित व्यापारियों को राहत दी जाएगी। इसके लिए विभाग ने एक फार्मेट तैयार किया है, जिसे भरकर व्यापारी को विभाग को देना होगा और जो केस पुराने बचे हैं उनकी जानकारी व कितना टैक्स देना है वह जानकारी देनी होगी। इस पर 10 प्रतिशत सेटलमेंट फीस लगेगी। इससे सभी पुराने केस भी आराम से हल होंगे और सरकार को भी राजस्व प्राप्त होगा। पहले यह स्कीम 30 जुलाई तक थी, लेकिन इसे अब कोरोना महामारी के कारण 30 सितंबर कर दिया गया है।

-कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच व्यापारियों को इसकी जानकारी कैसे दे रहे?

वर्तमान में शिविर आदि नहीं लग रहे हैं। ऐस में फोन पर विभाग के अधिकारियों द्वारा, व्यापार मंडलों के पदाधिकारियों, चार्टेड अकाउंटेंट्स व वकीलों, लेखाकारों से संपर्क किया जा रहा है।

-मार्च माह विभाग का सबसे महत्वपूर्ण महीना होता है, लॉकडाउन का क्या असर रहा?

31 मार्च को वित्तीय वर्ष खत्म होता है, परंतु लॉकडाउन 23 मार्च को लागू हुआ था, उसके कारण मार्च महीने में खास असर नहीं रहा परंतु इसका असर अप्रैल व मई के महीने में दिखा जहां जिले की इनकम 75 प्रतिशत कम हो गई। मई तक कोई खास कारोबारी गतिविधि नहीं हुई थी। इस दौरान सरकार ने जीएसटी रिटर्न भरने की तिथि 30 जून तक बढ़ा दी। मई में राहतें मिलने के बाद काम शुरू हुआ तो 30 जून तक जिले की इनकम लगभग 50 प्रतिशत तक रिकवरी कर ली। अब शराब के ठेकों से भी आने वाला टैक्स भी आरंभ हो गया है। जो एडवांस सिक्योरिटी ठेकेदारों ने जमा करवाई होती है वह सेटल हो चुकी है और टैक्स आना शुरू हो गया है। वित्तीय वर्ष भी एक जून से 30 मई तक किया गया है। यह केवल आबकारी पॉलिसी के लिए ही है।

-शराब के ठेकों से इस बार कितनी आय हुई?

इस साल 310 शराब के ठेकों का नवीनीकरण किया गया। इससे 119 करोड़ की आय विभाग को अपेक्षित है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 108 करोड़ का था। इसी तरह सरकार को काउ सेस के रूप में 68 लाख 67 हजार 913 रुपये का राजस्व भेजा गया, जबकि 68 लाख 67 हजार 917 रुपये एंबुलेंस सेस के भेजे गए हैं।

-जीएसटी समय पर न भरने पर क्या कार्रवाई होती है?

विभाग ने तय किया है कि जिन व्यापारियों ने छह महीने से लगातार जीएसटी की रिटर्न नहीं भरी है, उनके जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर कैंसल कर दिए जाएंगे। हालांकि पहले व्यापारियों को नोटिस के माध्यम से अवगत करवाया जाता है, लेकिन अगर फिर भी वह जीएसटी नहीं भरते हैं तो उनका नंबर रद कर दिया जाएगा और उसे दोबारा एक्टिवेट करने के लिए पहले टैक्स भरना होगा और पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी।

-आपकी ओर से कोई संदेश।

जिला में लगभग 13000 रजिस्टर्ड करदाता/व्यापारियों से अनुरोध है कि सभी ऑनलाइन सुविधा का सदुपयोग करते हुए समय पर कर व अपने रिटर्न भरें। अगर किसी को कोई भी दिक्कत हो तो वह सीधे कार्यालय में संपर्क कर सकता है। सारी व्यवस्था ऑनलाइन है। साथ ही पुराने मामलों को सेटल करने के लिए व्यापारी एचपी लिगेसी केस रेजोलुशन स्कीम का पूरा लाभ लें।


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