टीबी जांचने वाली मशीन से कोरोना टेस्ट की तैयारी
कोरोना वायरस का टेस्ट अब थूक के जरिए सीबी नॉट मशीन में सरकार करवाएगी। इसके लिए एक विशेष काटरेज आती है। स्वास्थ्य निदेशालय ने आइसीएमआर से इसके लिए मामला उठाया है। मंजूरी आते है इसका टेस्ट प्रदेश में उन सभी 26 जगह होगा जहां पर क्षयरोग निवारण राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत सीबी नॉट की मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। प्रशासन ने पहले पीसीआर मशीन से भी टेस्ट करने का मामला भी उठाया है।
मुकेश मेहरा, मंडी
हिमाचल में क्षय रोग (टीबी) जांचने वाली मशीन सीबी नॉट से कोरोना वायरस का टेस्ट करने की तैयारी है। इस मशीन से कोरोना का टेस्ट करने के लिए विशेष काटरेज की जरूरत होती है। स्वास्थ्य निदेशालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से काटरेज देने व टेस्ट की मंजूरी का मामला उठाया है।
आइसीएमआर से मंजूरी मिलते ही कोरोना वायरस का टेस्ट हिमाचल में उन सभी 26 जगह होगा जहां क्षय रोग निवारण राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत सीबी नॉट मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। सीबी नॉट मशीन से टेस्ट की रिपोर्ट दो घंटे में मिल जाती है। इसलिए यदि सीबी नॉट मशीन से कोरोना के टेस्ट की अनुमति मिलती है तो रिपोर्ट दो घंटे के भीतर मिल जाएगी। सीबी नॉट मशीन की लागत करीब 20 लाख रुपये होती है। कोरोना संक्रमण से लड़ने और मरीजों के टेस्ट के लिए आइसीएमआर के जरिये ही इसकी टेस्ट किट मुहैया करवाई जा रही हैं। प्रदेश में अभी इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा और कसौली में ही कोरोना के टेस्ट की सुविधा है। मंडी जिला में नेरचौक मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 के अस्पताल में तबदील किया गया है लेकिन वहां टेस्ट नहीं होते हैं। मंडी जिला प्रशासन ने इससे पहले पीसीआर मशीन से भी कोरोना के टेस्ट करने का प्रस्ताव भेजा है। पीसीआर मशीन से स्वाइन फ्लू का टेस्ट होता है। पीसीआर मशीन से टेस्ट की मंजूरी अभी नहीं मिली है।
------ सीबी नॉट मशीन से कोविड-19 का टेस्ट करने का मामला उठाया है। इसके लिए आइसीएमआर अलग से काटरेज देगी।
डॉ. जीवानंद चौहान, सीएमओ, मंडी