प्रदेशवासियों को शिवरात्रि के लिए न्योता
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने प्रदेश की जनता को शिवरात्रि महोत्सव का न्यूंद्रा (न्योता) दिया है। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग का आग्रह किया है। सोमवार को पत्रकारवार्ता में कहा मेला समिति ने महोत्
जागरण संवाददाता, मंडी : अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने प्रदेश की जनता को शिवरात्रि महोत्सव का न्यूंद्रा (न्योता) दिया है। उन्होंने सहयोग का आग्रह किया है।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेला समिति ने महोत्सव की पुरातन परंपराओं को सहेजने के साथ इस बार लीक से कुछ हटकर करने पर जोर दिया है। महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेंगे। वह 22 फरवरी को प्रथम जलेब की अगवानी करेंगे। मध्य जलेब 25 फरवरी को और तीसरी जलेब में 28 फरवरी को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शामिल होंगे। महोत्सव के दौरान मंडी शहर को सात सेक्टर में बांटा जाएगा। हर सेक्टर में एक राजपत्रित अधिकारी निगरानी करेगा।
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प्रदेश के पांच दशक की स्वर्णिम यात्रा होगी थीम
2020 हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व का 50वां साल है। महोत्सव की थीम हिमाचल के इन्हीं पांच दशकों की स्वर्णिम यात्रा पर केंद्रित रहेगी। पड्डल में इसी पर विशेष प्रदर्शनी और जलेब में इस पर केंद्रित झांकियों के अलावा सांस्कृतिक संध्याओं में भी इस थीम पर आधारित विशेष कार्यक्रम होंगे।
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हिमाचली, सूफी और पंजाबी रंग चढ़ेगा
महोत्सव में सभी के मनोरंजन व लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक संध्याओं में हिमाचली प्रतिभाओं को अधिक अवसर देने का निर्णय लिया गया है। 22 से 27 फरवरी तक छह सांस्कृतिक संध्याएं आयोजित की जाएंगी। महोत्सव में पांच खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें मुख्य आकर्षण कुश्ती के अलावा कबड्डी, रस्साकशी, कराटे और रंगोली का आयोजन होगा।
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शिवरात्रि आयोजन की मार्गदर्शिका
शिवरात्रि आयोजन से जुड़ी सारी प्रक्रिया को लिपिबद्ध किया जा रहा है। इसे एक पुस्तक का रूप दिया जा रहा है। इसमें महोत्सव के आयोजन का संपूर्ण ब्योरा क्रमवार लिखा रहेगा।
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देव सम्मान व सुविधाओं पर खास ध्यान
216 देवी देवताओं को महोत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। महोत्सव में पधारने वाले देवी देवताओं, कारदारों और देवलुओं की सुविधा के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं। देवताओं के ठहरने के महत्वपूर्ण पांच स्थानों पर व्यवस्था के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। जलेब की पुरातन परंपरा को पुन: स्थापित करने के साथ पड्डल से राज देवता माधो राय की पालकी पूरी रौनक के साथ वापस लाने की व्यवस्था रहेगी।
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पड्डल में लगेगा सरस
महोत्सव के दौरान पड्डल में सरस मेला भी लगेगा। इसमें पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गोवा, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, केरल और झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों के स्वयं सहायता समूह उत्पादों के स्टॉल लगाएंगे।