नए देवताओं के पंजीकरण का विरोध
बैठक में देवता कमरूनाग के बैठने के मामले में उपजे मामले पर देवता समिति के अध्यक्ष ने कहा कि कमरूनाग देवता माता श्यामा काली मन्दिर टारना में ही विराजमान होते है बही ही बिराजमान होंगे।
सहयोगी, पंडोह : अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इस बार नए देवताओं के पंजीकरण की मुहिम का कारदारों ने ही विरोध करना शुरू कर किया है। रविवार को पंडोह में सर्व देवता समिति की बैठक में कारदारों ने कहा कि पुराने देवताओं को बिठाने का प्रावधान नहीं हो पाया है तो नए देवता कहां ठहरेंगे। इससे स्थिति विकट हो जाएगी। इस बार 150 से अधिक नए देवताओं ने सर्व देवता समिति के पास पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। हालांकि समिति ने इनके पंजीकरण अगले वर्ष से करने की बात कही है। बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने की।
इस दौरान देवता कमरूनाग के बैठने के मामले में उपजे मामले पर शिवपाल ने कहा कि कमरूनाग देवता माता श्यामा काली मंदिर टारना में ही विराजमान होंगे। उनके बैठने के लिए सिंहासन भी इसी स्थान पर बनना चाहिए। देव सदन निर्माण में देरी पर भी संज्ञान लिया है। अध्यक्ष ने कहा कि इस सदन के बनने से देवताओं के साथ आने वाले कारदारों आदि को लाभ मिलना है, लेकिन इसका निर्माण लगातार लटक रहा है। नए पंजीकरण के लिए ही समिति के पास सराज क्षेत्र से 15 से 20, चौहराघाटी द्रंग आदि से 10 से 15, बल्ह से 15 से 20, सरकाघाट से पांच से 10, सुंदरनगर व करसोग से 10 से 15 देवताओं के आवेदन मिले हैं। कारदारों ने कहना था कि पुराने देवताओं के बैठने के लिए ही उचित स्थान नहीं मिल पाता है। कारदारों ने देवताओ व बजंतरियों का मानदेय 20 फीसद बढ़ाने, दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले देवताओं का का मानदेय दूरी के हिसाब से अदा करने की मांग रखी है। बैठक में मोहन लाल बजीर, उपाध्यक्ष गोविद राम, हेमराज मुख्य सलाहकार, नरेश कुमार कानूनी सलाहकार, वेद राम कारदार संगठन सचिव, भीम देव, लेखराम पटियाल, तीर्थ राज मौजूद थे।