अब घर-घर चलेगा पोषण अभियान, कुपोषण से किया जाएगा मुकाबला
कुपोषण के खात्मे के लिए पहली से 30 सितंबर 2019 तक राष्ट्रीय पोषण माह-2019 का आयोजन अभियान में महिलाओं बच्चों को पोषित करने से जुड़ी अहम जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
गोहर, जेएनएन। पोषण अभियान ही असल में कुपोषण के खात्मे का जरिया बन सकता है, जिसके लिए सराज के प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है। राष्ट्रीय पोषण माह-2019 का आयोजन पहली से 30 सितंबर 2019 तक किया जाएगा। राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत बाल विकास परियोजना सराज स्थित जंजैहली के सौजन्य से थुनाग में खंड स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपमंडलाधिकारी थुनाग सुरेंद्र मोहन ने की। इस अभियान को सफल बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी स्तर पर पोषण जागरूकता अभियान को जन आंदोलन बनाने का कार्य करेगा और साथ-साथ सभी विभागों की सक्रिय भूमिका में रहने के आदेश जारी किए गए, जिसमें पोषण माह के दौरान ग्रामीण स्तर पर घर-घर पोषण अभियान चलाने और जागरूकता कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी।
यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। अभियान में महिलाओं, बच्चों को पोषित करने से जुड़ी अहम जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा अन्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। अभियान में महिला बाल विकास विभाग सहित स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे 12 विभागों का समन्वय किया गया है। एसडीएम थुनाग सुरेंद्र मोहन ने बताया कि अभियान में जीवन के प्रथम 1000 दिवस के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण आवश्यकता के प्रति जागरूकता लाना,गर्भावस्था जांच एवं पोषण देखभाल, शीघ्र स्तनपान एवं केवल स्तनपान, सही समय पर आहार एवं इसकी निरंतरता आदि के विषय में प्रचार प्रसार लोगों के बीच जाकर किया जाएगा। एनीमिया या शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन सेवन एवं खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
पोषण अभियान को बनाएं जन आंदोलन उपमंडल स्तर पर आयोजित किए जाने वाले पोषण माह की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को एसडीएम पद्धर प्रकाश चंद शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। उन्होंने कहा पोषण माह को जन आंदोलन के रूप में मनाए, ताकि आने वाले समय में यह माह बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने में सहायक सिद्ध हो।
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सितंबर को पोषण माह के तौर मनाते हुए पूरे महीने में उपमंडल में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाएंगे जिनमें स्तनपान के महत्व, संस्थागत प्रसव, बच्चों के जन्म से पूर्व देखभाल, अनीमिया और बच्चे की वृद्धि की निगरानी जैसी थीमों पर आधारित कार्यक्रम शामिल होंगे। अभियान के तहत बच्चों का बौनापन, कमजोरी, कुपोषण एवं रक्तहीनता और कम वजन की समस्या को दूर करने के लिए समर्पित प्रयास किए जाएंगे।
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