दिल्ली में मंडी का सम्मान, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा; ये है बढ़ी वजह
मंडी जिले को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत जागरूकता से संबंधित अभियान एवं गतिविधियों के शानदार क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है।
मंडी, जेएनएन। मंडी जिला को 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के लिए एक बार फिर राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। जिला को यह पुरस्कार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत जागरूकता से संबंधित अभियान एवं गतिविधियों के शानदार क्रियान्वयन के लिए दिया गया है। मंडी के उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने 6 सितंबर को दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरस्कार ग्रहण किया।
एक साल में दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार काबिले गौर है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 7 अक्तूबर, 2018 को मंडी जिला में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारंभ किया था। यह अपने आप में एक शानदार उपलब्धि है कि एक साल से भी कम के अरसे में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए जिला को दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा है। इससे पहले मंडी को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में प्रभावी सामुदायिक सहभागिता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इसी साल 24 जनवरी को जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर ने तत्कालीन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से दिल्ली में यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया था।
उल्लेखनीय है कि मंडी जिले के साथ साथ शिमला और सिरमौर जिले को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है। उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जिलावासियों को इस शानदार उपलब्धि के लि, बधाई दी है। कहा जिला में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लि, पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लि, प्रशासन ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत स्त्री अभियान के माध्यम से महिला मंडलों का सहयोग लेकर पंचायतों-गांवों में काम किया है।
वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेंद्र तेगटा ने बताया जिले में शिशु लिंगानुपात में सुधार और 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग की शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए सभी को सक्रिय भागीदारी एवं समन्वित प्रयासों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव का लक्ष्य पाने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। पुरातन संस्कृति को बेटियों की सुरक्षा से जोड़ने की कवायद की हुई तारीफ प्रशासन ने मेलों-त्यौहारों में मानव श्रृंखला बनाकर, सामूहिक कन्या पूजन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर जन-जन तक संदेश पहुंचाने एवं जागरूकता लाने के कारगर प्रयास किए हैं। इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के दौरान पहली बार सेरी मंच पर 1008 कन्याओं का सामूहिक पूजन का कार्यक्रम कर पुरातन संस्कृति को बेटियों की सुरक्षा से जोड़ने की कवायद की गई। प्रशासन की इस पहल ने बड़े पैमाने पर लोगों का समर्थन और तारीफ बटोरी। दशहरा उत्सव के मौके पर कन्या भू्रण हत्या को रावण का प्रतीक मानकर इसका दहन करके बेटा-बेटी में भेद की दरिद्र सोच को समाप्त करने का प्रभावी संदेश जन-जन तक पहुंचा।
इसके अलावा महिला मंडलों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सर्व देव समाज संस्था और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों की भागीदारी से गांव-गांव जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई है। सरकारी कार्यक्रमों में नवजात बच्चिायों के अभिभावकों को बधाई पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित व प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर देश को मिल सकता है ये खास तोहफा
बताया जिला में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान में एक नया आयाम जोड़ते हुए इसे पर्यावरण सुरक्षा से जोड़ कर बालिका गौरव उद्यान योजना शुरू की गई है। जिले की हर पंचायत में बेटियों के नाम पर उद्यान स्थापित करने की इस मुहिम में सामुदायिक भागीदारी बनाई गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेंद्र तेगटा ने बताया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान देश के 640 जिलों में चलाया किया गया है । इनमें से मंडी जिले को जागरूकता सृजन एवं आउटरीच गतिविधियों के शानदार काम के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है।
थाने में तैनात पुलिसकर्मियों को चेतावनी, ड्यूटी के दौरान न करें ऐसी हरकतें
अब नहीं काटने होंगे थाने के चक्कर पुलिस चौकी में भी दर्ज होगी एफआइआर