एकादश रूद्र मंदिर में 40 साल से गूंज रहे शिव के जयकारे
छोटी काशी मंडी में दर्जनों शिव मंदिर हैं। इनमें कई मंदिर ऐसे हैं जहां पर पूरा साल धार्मिक गतिविधियां चलती रहती हैं। शायद यही कारण रहा है कि प्रदेश सरकार ने मंडी में शिवधाम स्थापित करने का निर्णय लिया है जिस पर काम शुरू हो चुका है। शिवों की इस नगरी में ब्यास
संवाद सहयोगी, मंडी : छोटी काशी मंडी में अनेक शिव मंदिर हैं। इनमें कई मंदिर ऐसे हैं जहां पर पूरा साल धार्मिक गतिविधियां चलती रहती हैं। शायद यही कारण रहा है कि प्रदेश सरकार ने मंडी में शिवधाम स्थापित करने का निर्णय लिया है जिस पर काम शुरू हो चुका है। शिव की इस नगरी में ब्यास घाट पर स्थित एकादश रूद्र महादेव मंदिर में धार्मिक आयोजनों की क्रम सबसे अधिक है। लगभग पूरा साल यहां पर ऐसे ऐसे आयोजन होते हैं जो कहीं और देखने को नहीं मिलते।
मंगलवार से श्रावण माह शुरू होते ही यहां पर ओउम नम: शिवाय का अखंड पाठ भी शुरू हो गया है जो पूरा माह चलेगा। एकादश रूद्र मंदिर के महंत पुजारी स्वामी सतसुंदरम पिछले 47 सालों से लगातार इस मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 47 साल पहले जब वे इस मंदिर में आए थे तब यह परिसर बेहद दयनीय हालत में था। सात साल बाद उन्होंने यहां पर श्रावण में अखंड पाठ की शुरूआत करवाई जो न केवल आज दिन तक जारी है बल्कि इसमें और कई नए आयाम जोड़े गए हैं। स्वामी सतसुंदरम ने अखंड जाप व इससे जुड़े कार्यक्रमों के 40 साल होने पर एक विशेष भेंट में बताया कि पूरा एक महीना यह अखंड जाप चलेगा। जिसमें एक व्यक्ति एक घंटे तय समय में लगातार जाप करेगा। दिन रात 24 घंटे में 24 लोग अपने अपने तय समय में रोजाना जाप करेंगे।
बीते सप्ताह यहां पर प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश वी रामासुब्रमन्यन भी पहुंचे थे। तीन साल पहले जो यहां पर ब्यास नदी किनारे पूर्णमासी को आरती का आयोजन शुरू किया था वह अब हरिद्वार व वाराणसी का प्रारूप लेने लगा है। मंदिर के गर्भ में रूद्राभिषेक व दोनों समय पूजा व आरती का विशेष महत्व है। स्वामी का दावा है। यदि युवा वर्ग जो आज नशे की गर्त में जा रहा है। इस जाप से जुड़े और धार्मिक आयोजन में शामिल हो तो वह न केवल खुद बल्कि अपने दोस्त मित्रों को भी इसकी चंगुल से छुड़ा कर एक स्वस्थ व उन्नत जीवन की ओर ले जा सकता है।