चार दिन में मांगें न मानी तो आमरण अनशन
अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ ने सरकार को चार दिन में मांगें न मानने पर आमरन अनशन की चेतावनी दी है।
संवाद सहयोगी, मंडी : अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ ने सरकार को चार दिन के भीतर मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम दिया है। इस अवधि में मांगें पूरी न होने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी गई। बुधवार को मंडी में जलवाहकों की बैठक हुई। इसमें मंडी के अलावा बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन व ऊना जिला के जलवाहक भी शामिल हुए। उन्होंने जलवाहकों के आंदोलन का समर्थन किया और क्रमिक अनशन में भाग लिया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
अंशकालीन जलवाहक कम सेवादार संघ के जिला अध्यक्ष भुट्टो राम ने कहा कि अंशकालीन जलवाहक सोमवार से मंडी के सेरी मंच पर अनशन कर रहे हैं, लेकिन तीसरे दिन के बाद भी सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया और न ही उनकी मांगों को पूरा किया है। इसके चलते अब उन्होंने अब आमरण अनशन का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि जलवाहकों को 14 वर्ष के बाद नियमित किया जाता है और अगर शिक्षा विभाग में खाली पद नहीं होंगे तो नियमित नहीं किया जाता है जबकि अन्य विभागों में तीन वर्ष के बाद कर्मचारियों को नियमित किया जाता है। अंशकालीन जलवाहकों के लिए नियम बना था कि 2012 में आठ वर्ष पूरा कर चुके जलवाहकों को दैनिकभोगी बनाया जाए। 2012 से 2017 तक नियम के मुताबिक दैनिकभोगी बनाया गया, लेकिन 2018 में आठ महीने बाद दैनिकभोगी बनाया गया जबकि वर्ष 2019 में अभी तक दैनिकभोगी नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश के मुताबिक 31 मार्च व 30 सितंबर से जलवाहक डेलिवेज बनाए जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। सरकार द्वारा जलवाहकों के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार के चलते संघ ने 26 जून को अतिरिक्त उपायुक्त मंडी के माध्यम से सरकार को मांगपत्र भेजा था, लेकिन अभी तक इस ओर सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। सरकार ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो जलवाहक प्रदेशभर में आमरण अनशन करेंगे। ये जलवाहक अनशन पर बैठे
बुधवार को जिला बिलासपुर के प्रधान चमन लाल, सोलन से मदन लाल, मंडी के अध्यक्ष भुट्टो राम, जय कुमार, रविद्र कुमार, गुलजारी लाल, राजकुमार, जयवंती, संदीप कुमार, ओमप्रकाश, सुमित कुमार, शारदा देवी, सत्या, अरविद्र, जयपाल, कुंता देवी, ईश्वर दास, शेष राम, कृष्णा देवी क्रमिश अनशन पर बैठे। ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें
10 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके जलवाहकों को नियमित किया जाए। अगर शिक्षा विभाग में रिक्त पद नहीं हैं तो बिना शर्त अन्य विभागों में भेजने की व्यवस्था की जाए। अंशकालीन जलवाहकों को पांच वर्ष बाद दैनिकभोगी और तीन वर्ष के बाद नियमित किया जाए। जलवाहकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाए।