मेडिकल कॉलेज वेतन घोटाला: करीब 400 आउटसोर्स कर्मियों को वेतन देने में मनमानी
लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज व अस्पताल नेरचौक में तीन निजी कंपनियां सरकार से पूरा पैसा लेकर आउटसोर्स कर्मियों को मनमर्जी से पगार दे रही हैं।
मंडी, हंसराज सैनी। लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज व अस्पताल नेरचौक में आउटसोर्स कर्मियों के हक पर डाका मारा जा रहा है। तीन निजी कंपनियां सरकार से पूरा पैसा लेकर आउटसोर्स कर्मियों को मनमर्जी से पगार दे रही हैं। यहां आउटसोर्स के तहत विभिन्न पदों पर करीब 400 कर्मी तैनात हैं। कर्मचारियों के पीएफ में भी लाखों रुपये का गड़बड़झाला हुआ है। कागजों में कंपनी संचालकों ने कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) का पैसा नियमित रूप से जमा करवाया, लेकिन सरकार द्वारा जिस पद के लिए कर्मचारी की जितनी पगार तय हुई थी, उससे कम पैसा दिया गया।
अस्पताल में सफाई, सुरक्षा व मैस का जिम्मा आउटसोर्स कर्मियों के कंधे पर है। पर्ची काउंटर व कई लैब में आउटसोर्स पर कर्मी रखे गए हैं। सभी कर्मियों को सरकार की तरफ से तय पगार से 2000 से 3000 रुपये कम देकर कंपनी संचालक चांदी कूट रहे हैं। आउटसोर्स कर्मियों की शिकायत पर पिछले दिनों ईपीएफओ कुल्लू कार्यालय के प्रवर्तन अधिकारी ने टीम के साथ मेडिकल कॉलेज में दबिश देकर तीनों निजी कंपनियों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया था। रिकॉर्ड खंगालने पर पीएफ व पगार में बड़ी अनियमितता पाई गई है। तीनों
कंपनियों के विरुद्ध कम पीएफ जमा करवाने को लेकर ईपीएफओ ने धारा-7ए के तहत केस दर्ज करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं तीनों कंपनियों के संचालकों से पैसे की रिकवरी भी होगी। कर्मचारियों को कम पगार देने का मामला ईपीएफओ ने प्रदेश के श्रम आयुक्त के संज्ञान में लाया है। इससे आने वाले दिनों में तीनों कंपनियों पर श्रम विभाग का शिकंजा कस सकता है।
पगार पर नियम अस्पष्ट
कर्मचारियों को कम पगार देने के पीछे तीनों कंपनियों ने तर्क दिया है कि सरकार की तरफ से इसको लेकर कोई नियम स्पष्ट नहीं है। कंपनियों का यह तर्क किसी के गले से नीचे नहीं उतर रहा है।
कंपनियों से होगी वसूली
कर्मचारियों की शिकायत मिलने पर गत दिनों मेडिकल कॉलेज में दबिश देकर तीनों निजी कंपनियों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया था। प्रारंभिक जांच में पीएफ कम जमा करवाने व पगार भी कम देने की बात सामने आई है। तीनों कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज कर पैसे की वसूली की जाएगी।
-दीपक कुमार, प्रवर्तन अधिकारी ईपीएफओ कुल्लू
होगी कार्रवाई
फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है। जल्दी तीनों कंपनियों का रिकॉर्ड जांचा जाएगा। ईपीएफओ की तरफ से अगर कोई सिफारिश की गई है तो उसके आधार पर भी कार्रवाई होगी।
-भावना शर्मा, श्रम निरीक्षक मंडी।