अस्पताल से बेइलाज लौटे मरीज
की देशव्यापी हड़ताल के चलते चिकित्सकों ने अस्पताल की ओपीडी में किसी भी मरीज का स्वास्थ्य नहीं जांचा। महज गंभीर चिकित्सकों को ही अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में उपचार मिल पाया। सोमवार को अस्पताल में अवकाश के बावजूद भी कुछ चिकित्सकों ने अस्पताल में पहुंचकर देशव्यापी हड़ताल के समर्थ
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : चिकित्सकों की देशव्यापी हड़ताल के चलते जोगेंद्रनगर अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी में सेवाएं नहीं दी। गंभीर मरीजों को ही आपातकालीन कक्ष में उपचार मिल पाया। अवकाश के बावजूद कुछ चिकित्सकों ने अस्पताल में पहुंचकर देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में उपस्थिति दर्ज करवाई, लेकिन मरीजों को जांचने से मना कर दिया। काफी संख्या में मरीज बैरंग लौट गए। वरिष्ठ चिकित्साधिकारी जितेंद्र चौहान ने कहा कि चिकित्सकों से मारपीट और दुर्व्यवहार के बढ़ते मामलों को लेकर जोगेंद्रनगर अस्पताल के चिकित्सकों ने भी देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है। चिकित्सकों द्वारा मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए कई मर्तबा तय समय से भी अधिक सेवाएं देनी पड़ती हैं। घटना व सड़क दुर्घटना के समय में भी चिकित्सक एकजुट होकर गंभीर मरीजों के इलाज में कभी पीछे नहीं रहे हैं। बावजूद इसके चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट कर अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है। कोलकाता में दो प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ हुई मारपीट को लेकर चिकित्सकों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था।
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काले बिल्ले लगाकर किया काम
सोमवार को चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर काम किया।
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चिकित्सकों ने मांगी सुरक्षा, सभी मामलों पर हो कार्रवाई
संवाद सहयोगी, कुल्लू : कोलकाता में चिकित्सकों पर हुए हमले के बाद पीएचसी थाची में महिला चिकित्सक के साथ छेड़छाड़ व बदसलूकी पर कुल्लू के चिकित्सक भी लामबंद हो गए हैं। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में भारतीय चिकित्सक संघ कुल्लू शाखा के अध्यक्ष डॉ. ओमपाल शर्मा ने कहा कि डॉक्टर्स अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मेडिकल एसोसिएशन ने हेल्थकेयर में सोमवार को सभी गैर-आवश्यक सेवाओं को वापस लेने का आह्वान किया है। आज अस्पतालों में कार्य करना और इसकी सुरक्षा के बारे में बहुत ही चिता का विषय है और इसे सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सभी अस्पतालों में डॉक्टर्स हेल्थकेयर स्टाफ और हेल्थकेयर प्रतिष्ठानों पर उतार-चढ़ाव के खिलाफ एक शून्य-सहिष्णुता नीति घोषित की है। अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए और संरचित सुरक्षा निर्देशों को लागू करना चाहिए। अस्पतालों में हिसा डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा के कर्मचारियों का मनोबल गिराती है। चिकित्सकों की सुरक्षा अस्पतालों में शांतिपूर्ण माहौल पर निर्भर करेगा। आइएमए डॉक्टरों और अस्पतालों पर हिसा की निदा करती है।
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