Move to Jagran APP

दो लोगों से पकड़ी 11 किलो चरस

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने कीरतपुर के समीप पंजाब व हिमाचल की सीमा दो अलग-अलग वाहनों से करीब 11 किलोग्राम चरस पकड़ी है। चरस तस्करी के आरोप में एनसीबी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपित काला उर्फ मीरबख्श बरियाणा गढ़शंकर( पंजाब) व दूसरा युसुफ अली पुत्र लाल हुसैन हाट बजौरा (कुल्लू ) का रहने वाला है। दोनों कुल्लू से चरस की इतनी बड़ी खेप लेकर गए थे। चरस की सप्लाई कहां देनी थी। एनसीबी इसकी जांच कर रही है। एनसीबी काफी समय से दोनों तस्करों पर नजर रखे हुए थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 06:29 PM (IST)
दो लोगों से पकड़ी 11 किलो चरस
दो लोगों से पकड़ी 11 किलो चरस

जागरण संवाददाता, मंडी : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने कीरतपुर के समीप पंजाब व हिमाचल की सीमा पर दो अलग-अलग वाहनों से करीब 11 किलोग्राम चरस पकड़ी है। चरस तस्करी के आरोप में एनसीबी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपित काला उर्फ मीरबख्श बरियाणा गढ़शंकर (पंजाब) व दूसरा युसुफ अली निवासी हाट बजौरा (कुल्लू ) का रहने वाला है। दोनों कुल्लू से चरस की इतनी बड़ी खेप लेकर गए थे। चरस की सप्लाई कहां देनी थी, एनसीबी इसकी जांच कर रही है। एनसीबी काफी समय से दोनों तस्करों पर नजर रखे हुए थे। तस्करी के लिए दोनों अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करते थे। एनसीबी को सूचना मिली थी कि आरोपित कुल्लू से चरस की खेप लेकर पंजाब की तरफ जा रहे थे सूचना मिलते ही हरकत में आई एनसीबी मंडी व चंडीगढ़ की टीम ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम देते हुए दोनों को कीरतपुर के पास धर दबोचा। तलाशी लेने पर स्कार्पियों से करीब तीन किलो व मारुति कार से आठ किलो चरस बरामद हुई। चरस के पैकेट दोनों वाहनों की खिड़कियों में छिपा कर रखे हुए थे। एनसीबी मंडी जोन के अधीक्षक आशीष ओझा ने संयुक्त अभियान में दो लोगों से 11 किलो चरस पकड़े जाने की पुष्टि की है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.