वॉल्वो में सफर करने वालों का बढ़ा दर्द, ठगा महसूस कर रहे हैं पर्यटक
एक माह बाद भी मनाली नहीं पहुंची वॉल्वो, भारी पड़ रही फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी की लेटलतीफी
मनाली, जेएनएन। दिल्ली से मनाली आने वाली निजी वॉल्वो बसों में आने वाले पर्यटकों को पतलीकूहल में पिछले कुछ दिनों से उतारा जा रहा है। 15 घंटे की लंबी थकान भरी यात्रा से पतलीकूहल पहुंचने पर उतारे जाने पर अधिकतर पर्यटक खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं। किराया अदा करने के बाद उन्हें मनाली पहुंचने के लिए अतिरिक्त किराया टैक्सी या बस का खर्च करना पड़ता है। पतलीकूहल में भी उन्हें खुली सड़क पर उतारा जाता है। सड़क पर उठने वाली धूल व धुएं से भी थके हारे पर्यटकों की हालत खराब होना लाजिमी है।
करीब एक माह पूर्व भारी वर्षा के चलते पतलीकूहल से मनाली के मध्य कुछ स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी। एक महीना बीतने के बाद भी व रांगडी ओर क्लॉथ में सड़क की हालत नहीं सुधरी गई है। फोरलेन निर्माण कंपनी की लेटलतीफी पर्यटन व्यवसाय पर भारी पड़ गई है। वॉल्वो बसो को छोड़ कर बाकी सभी वाहन मनाली पतलीकूहल के मध्य आ जा रहे हैं। वॉल्वो बसों को पतलीकूहल में रोका जा रहा है, जिससे पर्यटकों को परेशानी हो रही है।
सेवानिवृत्त डीटीडीओ कमल ठाकुर का कहना है कि क्लाथ तक सड़क ठीक होने के बावजूद पतलीकूहल में वॉल्वो बसो को रोकना उचित नहीं है। वोल्वो एसोसिएशन मनाली की प्रधान लाजवंती शर्मा का कहना
है कि पतलीकूहल मनाली सड़क तथावॉल्वो बसों की पार्किंग व्यवस्था सही होने के बाद ही मनाली वॉल्वो बसों को भेजा जाएगा। उन्होंने वन एवं परिवहन मंत्री गोबिन्द ठाकुर से पतलीकूहल मनाली के मध्य पर्यटकों के लिए दो तीन इलेक्ट्रिक बसें चलाने व ग्रीन टैक्स बैरियर के साथ आलू ग्राउंड में वॉल्वो बस पार्किंग की
अनुमति मांगी थी, जो अभी तक नहीं मिली है। प्रशासन द्वारा फिलहाल पतलीकूहल की सब्जी मंडी में वॉल्वो बसों को पार्क करने की अनुमति देने की बात की गई है।