विवाद ने छीना हिमाचल की बेटियों का सम्मान, जानें क्या है मामला
Republic Day. गणतंत्र दिवस की रिहर्सल परेड में कुल्लू की सीमा व मुस्कान को भाग नहीं लेने दिया। इससे दोनों आहत हैं और उनके परिजन दुखी।
कुल्लू, मुकेश मेहरा। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयनित कुल्लू जिला की सीमा व मुस्कान की खुशियों पर भारतीय बाल कल्याण परिषद का विवाद भारी पड़ा है। बुधवार को गणतंत्र दिवस की रिहर्सल परेड में कुल्लू की सीमा व मुस्कान को भाग नहीं लेने दिया। इससे दोनों आहत हैं और उनके परिजन दुखी। रिहर्सल में भाग न लेने देने के कारण दोनों का रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं, मुस्कान के पिता चुनी लाल ने बताया कि वह इस मामले की शिकायत पीएमओ तक करेंगे क्योंकि उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई गई है।
सीमा और मुस्कान ने मनचले युवकों को सबक सिखाया था व पीटते हुए थाने तक ले गई थीं। इसके बाद दोनों का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए हुआ था। इसलिए दोनों को गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली बुलाया गया था। उनका भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से वर्दी भी मुहैया करवा दी थी, लेकिन जब बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड के लिए इनको ले जाया गया, लेकिन परेड में शामिल नहीं किया गया। दोनों का कहना था कि अगर उन्हें पुरस्कार नहीं देना था तो इतनी दूर दिल्ली क्यों बुलाया और इससे हमारे सम्मान को भी ठेस पहुंची है।
सीमा के पिता चुनी लाल ने कहा कि परिषद के सदस्य यह साफ नहीं कर रहे कि उनको गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जाएगा या नहीं। केवल समय पर समय दिए जा रहे हैं। बताते हैं परिषद में वित्तीय गड़बडिय़ों के मामले सामने आने पर इनके माध्यम से चुने बच्चों को गणतंत्र दिवस परेड से अलग किया गया है। दैनिक जागरण ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था कि परिषद के विवाद की छाया पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों पर पड़ सकती है।
इस वजह से हुआ विवाद
इन दोनों लड़कियों का चयन केंद्र सरकार ने नहीं, एनजीओ भारतीय बाल कल्याण परिषद ने किया था। इस एनजीओ के चयनित बहादुर बच्चों को पिछले साल तक केंद्र सरकार पुरस्कार देती रही है। इस वर्ष एनजीओ में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने पर केंद्र सरकार ने इसके द्वारा चयनित बच्चों से खुद को अलग कर लिया है।
इसलिए किया गया था चयन
17 वर्ष की मुस्कान और 14 साल की सीमा ने 10 जुलाई 2017 को जब स्कूल जा रही थीं तो उस दौरान मनचले युवक ने इनसे छेड़छाड़ की तो दोनों ने उसका सामना करते हुए उसकी पिटाई तो की ही साथ ही उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया था। दोनों की बहादुरी के चलते इनका चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए किया था।