हिमाचल का ग्रांफू-काजा मार्ग: जोखिम भरी डगर, मुश्किलों का सफर Kullu News
ग्रांफू-काजा मार्ग की हालत इतनी खस्ता है कि वाहन जा नहीं पा रहे हैं। कई जगह सड़क नाले में तबदील हो गई है जिस कारण वाहन काजा नहीं पहुंच पा रहे हैं।
मनाली, जेएनएन। लाहुल घाटी सहित मनाली को स्पीति से जोड़ने वाला ग्रांफू-काजा मार्ग बीआरओ ने एक सप्ताह पहले वाहनों के लिए बहाल कर दिया है, लेकिन यह मार्ग बहाल होने के बाद भी बहाल नहीं हो पाया है। लाहुल स्पीति जिला की यह दोनों घाटियां पांच माह के लिए जून से अक्टूबर तक बहाल रहती हैं। इस बीच ही काजा घाटी के लोग पर्यटन कारोबार से सालभर के लिए अपनी रोजी रोटी कमाते हैं और सैलानी भी इसी अवधि में घूमने का आनंद उठा सकते हैं। मार्ग की हालत इतनी खस्ता है कि वाहन जा नहीं पा रहे हैं। कई जगह सड़क नाले में तबदील हो गई है जिस कारण वाहन काजा नहीं पहुंच पा रहे हैं।
हालांकि एचआरटीसी ने भी बस सेवा शुरू कर दी थी लेकिन सड़क ठीक न होने के कारण उन्हें भी सेवा बंद करनी पड़ी है। स्पीति घाटी के मुख्य मार्ग ग्रांफू-सुमदो को बीआरओ ने 2010 में पीडब्ल्यूडी से अपने अधीन किया था, लेकिन नौ साल बाद भी सीमावर्ती क्षेत्र की सड़क की हालत सुधरने के बजाए बिगड़ती दिख रही है। लोसर के ग्रामीण दोरजे, सोनम और डेकित डोलमा ने बताया कि उनका पर्यटन कारोबार कुंजम दर्रा बहाल होने के बाद ही चलता है।
बीआरओ ने मार्ग तो बहाल कर लिया है लेकिन सड़क की हालत सही न होने के कारण इस मार्ग पर वाहन नहीं चल रहे हैं। चार माह ही उनका पर्यटन कारोबार चलता है लेकिन इस बार सड़क की हालत दयनीय है। काजा निवासी सोहन, टशी और छिमे ने बताया कि बीआरओ 10 साल बाद भी ओस मार्ग की हालत नहीं सुधार पाया है। बातल से ग्रांफू तक कई नालों में आज भी पुल नहीं बने हैं। उन्होंने बताया कि छोटा व बड़ा दड़ा नालों की हालत सबसे खस्ता है। उन्होंने बीआरओ से आग्रह किया कि सड़क की हालत शीघ्र सुधारे ताकि पर्यटक वाहन आर पार ही सके।
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि मार्ग बहाली के बाद सड़क की हालत सुधारी जा रही है। नालों में पानी बढ़ने व काम करने की अवधि कम होने का कारण दिक्कत आई है लेकिन सड़क की हालत सुधारी जा रही है।