रोहतांग दर्रा व मढ़ी में गिरे बर्फ के फाहे, मौसम हुआ सुहावना
एक तरफ जहां मैदानी क्षेत्रों में पारा आसमान छूने लगा है वहीं पहाड़ में ठंड महसूस की जा रही है।
मनाली, जेएनएन। एक तरफ जहां मैदानी क्षेत्रों में पारा आसमान छूने लगा है, वहीं पहाड़ों में ठिठुरन भरी ठंड जारी है। लगातार हो रही बर्फबारी व बारिश से पहाड़ में अभी सर्दी का ही मौसम चल रहा है। रविवार को भी लाहुल सहित मनाली की ऊंची चोटियों में बर्फबारी हुई। घाटी में बादल छाए रहे जबकि चोटियों ने बर्फ की सफेदी ओढ़ी। लाहुल व मनाली के पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से पर्यटन नगरी मनाली में ठंड महसूस की जा रही है। चोटियों में लगातार हो रही बर्फबारी से घाटी में तापमान लुढ़क गया है।
रोहतांग दर्रे सहित धुंधी की पहाड़ियों, मनालसू जोत, भृगु व दशौहर जोत, मकरवेद व शिकरवेद की पहाड़ियों, हामटा जोत, हनुमान टिब्बा व इंद्र किला में बर्फ के फाहे गिरे। दूसरी ओर लाहुल घाटी के लेडी ऑफ केलंग जोत, दारचा की पहाड़ियों, कोकसर व गोंधला की चोटियों, पटन घाटी की चोटियों व मयाड़ घाटी की पहाड़ियों में बर्फ के फाहे गिरे। बीआरओ ने लाहुल की ओर से कोकसर से छह किलोमीटर दूर रोहतांग की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। बर्फ के फाहों ने बीआरओ की सड़क बहाली की रफ्तार को धीमा कर दिया है।
लोकसभा चुनाव के चलते हालांकि अभी पर्यटन नगरी मनाली में पर्यटन कारोबार गति नहीं पकड़ पाया है लेकिन 15 मई के बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने की उम्मीद है। बीआरओ की मानें तो सभी परिस्थितियां ठीक रहीं तो 20 मई तक रोहतांग दर्रे को बहाल कर लाहुल घाटी को कुल्लू से जोड़ देगा। सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि मौसम ने उनकी दिक्कतों को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि अब रोहतांग बहाली 12 किलोमीटर शेष रह गई है। मढ़ी में पर्यटकों ने लिया साहसिक खेलों का आनंद रविवार को बर्फ के दीदार करने मढ़ी गए सैलानियों ने साहसिक खेलों का आनंद लिया। हालांकि खराब मौसम के चलते सैलानियों को ठिठुरन भरी ठंड का भी सामना करना पड़ा, लेकिन सैलानियों ने इस सुहावने मौसम का भरपूर आनंद उठाया। पलभर के लिए मढ़ी में आसमान से बर्फ के फाहे भी गिरे जिन्हें सैलानियो ने कैमरे में कैद भी किया।
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