18 साल से नंगे पांव कर रहे श्रीखंड महादेव के दर्शन
8750 फीट की ऊंचाई पर दुर्गम और कठिन रास्ते को पार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। 18 वर्ष पूर्व तो परिस्थितियां और कठिन थीं।
कुल्लू, दविंद्र ठाकुर। आनी के राजेश उर्फ बाबा 18 साल से नंगे पांव कठिनतम श्रीखंड यात्रा नंगे पांव कर रहे हैं। इस वर्ष वह दूसरी बार यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। 18570 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने की सोच कर ही कई लोग हिम्मत हार जाते हैं। लेकिन बाबा लगातार अठारह वर्ष से नंगे पांव श्रीखंड पहुंचकर शिव अराधना कर रहे हैं।
राजेश उर्फ बाबा को गंभीर बीमारी थी व उनका ऑपरेशन होना था। लेकिन उम्र छोटी होने के कारण ऑपरेशन करना थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता था। ऐसे में उन्होंने व परिजनों ने बस भगवान से मन्नतें मांगी। थोड़ा स्वस्थ होने पर उन्होंने नंगे पांव श्रीखंड यात्रा करने की ठानी। उन्होंने यात्रा सकुशल पूरी कर ली। इसके बाद न तो ऑपरेशन की नौबत आई और न ही दोबारा बीमार हुए।18750 फीट की ऊंचाई पर दुर्गम और कठिन रास्ते को पार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। 18 वर्ष पूर्व तो परिस्थितियां और कठिन थीं। उस समय ग्लेशियर भी बड़े थे, जिन्हें पार करते कई लोगों की गिरकर मृत्यु भी होती थी।
बकौल राजेश शर्मा उर्फ बाबा, 1998 में वह बहुत बीमार थे। लेकिन ठीक होने के बाद वर्ष 2000 में पहली
बार 18 वर्ष की उम्र में श्रीखंड यात्रा पर गए। इससे पहले कभी नंगे पांव नहीं चले थे, रास्ते में आधे से भी ज्यादा लोग वापस हो गए थे और प्रशासन की ओर से भी यात्रा पर कोई नियंत्रण नहीं था। समिति के माध्यम से उस दौरान श्रीखंड यात्रा करवाई जाती थी। मेरे सामने दो लोगों की मौत भी हुई, जिससे मैं थोड़ा घबरा सा गया लेकिन हिम्मत नहीं हारी और लगातार शिव शंकर का नाम लेकर कठिन चढ़ाई चढ़ता रहा और चार दिन बाद श्रीखंड महादेव पहुंचा।
इस साल दूसरी बार कर रहा हूं यात्रा
श्रीखंड महादेव पर गहरी श्रद्धा और आस्था रखने वाला राजेश उर्फ बाबा 18 साल से नंगे पांव ही श्रीखंड महादेव के दर्शन करते आ रहे हैं। इस वर्ष वह दूसरी बार श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए रवाना हो चुके हैं। पहली यात्रा 12 से 16 जुलाई तक तय की, जबकि 24 जुलाई को दोबारा से श्रीखंड यात्रा पर निकले हैं।