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पारंपरिक नृत्य से लोगों ने मोहा मन

संवाद सहयोगी, कुल्लू : ऊझी घाटी के सौर गांव में देवता नाग सरबल के सम्मान में सायर मेला मनाया

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 07:53 PM (IST)
पारंपरिक नृत्य से लोगों ने मोहा मन
पारंपरिक नृत्य से लोगों ने मोहा मन

संवाद सहयोगी, कुल्लू : ऊझी घाटी के सौर गांव में देवता नाग सरबल के सम्मान में सायर मेला मनाया गया। इसमें कुल्लू के डीएसपी आशीष शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। मेला कमेटी सदस्यों व ग्रामीणों ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मेले के पहले दिन देवता कलमीधार नामक स्थान को जाते हैं, जहां देवता नाग सरबल देव परंपराओं का निर्वहन करते हैं। प्राचीन समय में कलमीधार में राणा ठाकुर नामक लोग रहते थे जो देवताओं का अपमान किया करते थे। देवता नाग सरबल ने काली का रूप धारण कर उनका सर्वनाश किया था इसलिए देवता नाग सरबल हर साल वहां जाते हैं। मेले के दूसरे दिन देवता जन्म स्थान सौर डुग आते हैं और नाग भाईयों के साथ नृत्य करते हैं। देवता के साथ स्थानीय लोगों ने भी पारंपरिक नृत्य पेश किया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिता भी करवाई गई। इस दौरान देवता जयनाग सरबल के भजन का विमोचन मुख्य अतिथि ने किया। भजन को लोकगायक गंगा ठाकुर ने गाया है। भजन में देवता सरबल नाग के जन्म से लेकर आज तक गांव सौर का जो इतिहास रहा है उस पर विवरण दिया गया है। भजन में ममता, गुड्डी ठाकुर, लक्ष्मी ठाकुर ने भी आवाज दी है। संगीत राजेंद्र आचार्य ने दिया है। जबकि निर्देशन आशुतोष और छायांकन कमल ठाकुर व मोहन चैहान ने किया है। भजन में एक्टर की भूमिका दिनेश ठाकुर, ¨रकू शाह, दीपक राजपूत, गनेशा ठाकुर, मीनाक्षी ठाकुर ने निभाई है।

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अच्छी फसल की कामना के लिए देवताओं से लिया आशीर्वाद

संवाद सहयोगी, गुशैणी : तीर्थन घाटी में दस दिवसीय साजी सायर मेला सोमवार को शुरू हुआ। लोगों ने अखरोट, खीरा, सेब के साथ स्थानीय पकवानों का देवी-देवताओं को भोग लगाया और साथ ही पूजा-अर्चना कर सुख-शांति की कामना की। ग्रामीण आलम चंद ठाकुर, मोतीराम, बलीराम, मानसुख ने बताया कि देवी-देवताओं के साथ नई फसल का भी पूजन करते हैं। लोगों ने देवताओं को फसल का उत्पाद भेंट कर अच्छी फसल व सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर गांव की महिलाएं व पुरुषों ने एक साथ मिलकर नाटी का लुत्फ उठाया।

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जागरण में देवता सनकादिक की महिमा का गुणगान

धार गांव में संक्रांत की पूर्व संध्या पर देवताओं के सम्मान में जागरण का आयोजन किया गया। इसमें देवता सनकादिक, झिथणु-विथणु के मिलन के साथ धार रूबाड़, दारन गांव में सायर मेले की धूम रही। जागरण में बंजार घाटी के लोगों के साथ आउटर सिराज के ग्रामीणों ने भी भाग लिया। आनी ब्लॉक के कोहिला गांव के शेर ¨सह, बंसी राम, सीता राम ने बताया कि उनके बुजुर्ग पहले जागरण में भाग लेने आते थे और सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है। लोग हर साल इस दिन अपने सारे काम छोड़कर देवता के यहां हाजिरी लगाने के लिए पहुंचते हैं।


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