यहां जिंदगी बचाने के लिए भी चार कंधों का सहारा, छह किलोमीटर पालकी में उठाकर अस्पताल पहुंचाई गर्भवती
Lack of Roads नेताओं के गांव-गांव तक सड़कों का बिछाने के दावों की सच्चाई बंजार उपमंडल के नाहीं गांव में सामने आई है।
गुशैणी, योगराज नेगी। जिला कुल्लू में विकास की तस्वीर खराब मौसम में साफ दिखने लगी है। नेताओं के गांव-गांव तक सड़कों का बिछाने के दावों की सच्चाई बंजार उपमंडल के नाहीं गांव में सामने आई है। गांव की एक गर्भवती महिला को मंगलवार को छह किलोमीटर पालकी पर उठाकर बारिश और बर्फबारी में मुख्य सड़क पर पहुंचा और आगे वाहन से उसे बंजार अस्पताल ले जाया गया।
नाहीं गांव की गर्भवती महिला लोसरा देवी पत्नी रोशन लाल को तेज प्रसव पीड़ा उठी। गांव से मुख्य सड़क का फासला छह किलोमीटर दूर होने पर स्वजनों को ग्रामीणों को मदद के लिए बुलाना पड़ा। इसके बाद लोसरा देवी को ग्रामीणों ने पालकी में उठाकर छह किलोमीटर उबड़-खाबड़ रास्तों पर चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। इसके बाद यहां से वाहन कर 20 किलोमीटर दूर बंजार अस्पताल ले लाकर भर्ती करवाया।
नाहीं के वार्ड सदस्य शालनी देवी, ग्रामीण तुले राम, दुनी चंद, जय सिंह, लाल सिंह, रोशन लाल, हुकम राम, तेजा सिंह, बेली, लदुरमणी, दलीप सिंह, दुर्गा दास, खेम चंद, तारा चंद, नीरत सिंह, दिला राम, मोहर सिंह ठाकुर ने बताया गांव के लिए सड़क बनाने को 2007 में अपनी भूमि लोक निर्माण विभाग के नाम कर दी पर कुछ नहीं हुआ है। नोहांडा पंचायत के लाकचा, घाट, दारन, शुगंचा, नाहीं, पुरंगा, बुरंगा, शाङ्क्षलगा गांव के सैकड़ों परिवार सड़क सुविधा की राह देख रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी व दुर्गम इलाकों में अभी भी कई एेसे गांव हैं, जहां तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। इस कारण लोगों को आपात स्थिति में इस तरह पालकी में कई किलोमीटर तक उठाकर सड़क तक मरीज को पहुंचाना पड़ता है। इस दौरान मरीज की जान को खतरे का भी भय रहता है।
सड़क निर्माण के लिए डीपीआर भेजी
नोहांडा पंचायत के नाहीं गांव की सड़क के लिए डीपीआर भेजी गई है। जैसे ही स्वीकृति आती है, गांव को सड़क से जोड़ा जाएगा। -रोशन लाल ठाकुर एसडीओ लोक निर्माण विभाग बंजार।