खतरनाक हुआ न्यूली-निहारनी सड़क पर सफर
परियोजना नगरी के नाम प्रसिद्ध हो चुकी सैंजघाटी में बेश़क विभिन्न छोटी-बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं ने घाटी का नक्शा बदल दिया हो लेकिन आज भी यहां पर ग्रामीण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
सपना शर्मा, सैंज
परियोजना नगरी से प्रसिद्ध सैंजघाटी में बेशक विभिन्न छोटी-बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं ने घाटी का नक्शा बदल दिया हो, लेकिन आज भी यहां ग्रामीण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। पांच किलोमीटर न्यूली-निहारनी सड़क की अनदेखी पंचायत के हजारों लोगों पर भारी पड़ रही है। परियोजना का निर्माण करने वाली एचपीसीएल कंपनी ने प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए सड़क तो बना दी, लेकिन उसकी मरम्मत करना भूल गई है।
सड़क का बड़ा हिस्सा नदी में बह चुका है और बची सड़क पर तकरीबन 15 मीटर तक दरारें आ गई हैं। सड़क में लगभग दस से पंद्रह मीटर के दायरे में भूस्खलन होने से वाहनों को निकालना मुश्किल हो गया है, जबकि भूस्खलन वाले हिस्से के दोनों ओर लगे पैरापिट हवा में झूल रहे हैं और सड़क लगातार धंसती जा रही है। ऐसे में इस सड़क से गुजरने वाले वाहन चालकों को जान हथेली पर रखकर सफर करना पड़ रहा है, लेकिन परियोजना प्रबंधन को लोगों की जान की कोई फिक्र नहीं है।
शांघड़ पंचायत प्रधान सवित्रा देवी, पूर्व प्रधान श्रीपत ठाकुर, पूर्व वार्ड सदस्य कोम दत्त का कहना है कि निहारनी से न्यूली सड़क पर रोजाना सैकड़ों लोगों का आवागमन रहता है, लेकिन सड़क के खस्ताहाल होने से कभी हादसा हो सकता है। पंचायत प्रतिनिधियों ने परियोजना प्रबंधन को चेताया है कि सड़क की मरम्मत समय रहते की जाए ताकि आम जनता से किसी तरह का खिलवाड़ न हो। उधर परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि न्यूली-निहारनी सड़क के बनने से तीन-चार पंचायतों के लोगों को यातायात की सुविधा मिलती है, जिसकी मरम्मत समय-समय पर की जाती है और जनता की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाता है।
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न्यूली-निहारनी सड़क में बांध क्षेत्र के नजदीक हुए भूस्खलन का मुआयना किया गया है। जल्द ही इस स्थान पर सुरक्षा दीवार लगाने के लिए टेंडर लगाया जाएगा।
-सुरेश कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक, सैंज जल विद्युत परियोजना (एचपीसीएल)।