तीन साल में दोगुना बढ़े कपड़ों के दाम
खाद्य पदार्थ महंगे होने के कारण ही लोग परेशान नहीं हैं। कपड़े महंगे होने से दिक्कत हो रही है।
संवाद सहयोगी, कुल्लू : खाद्य पदार्थ महंगे होने के कारण ही लोग परेशान नहीं हैं। कपड़ों के भी हर साल महंगे होने से उन्हें दिक्कत झेलनी पड़ रही है। रेडीमेड कपड़ों से लेकर चुनरी, कढ़ाई वाले सूट, पेंट, कमीज, टीशर्ट समेत बच्चों के कपड़े काफी महंगे मिल रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और कोरोना के कारण पिछले तीन साल में कपड़ों के दाम में दोगुना वृद्धि हुई है।
लोगों के अनुसार जो रेडीमेड जींस पहले 400 से 500 रुपये में मिलती थी, वह अब 1000 से 1200 रुपये में बिक रही है। शादी व अन्य समारोहों में अब कपड़ों की खरीदारी करने के लिए तीन साल पहले के मुकाबले दो से तीन गुना बजट का प्रविधान करना पड़ता है। साड़ी, लहंगा, कोट, पैंट, शर्ट, जींस, बच्चों के रेडिमेड कपड़े व महिलाओं के सूट सहित सभी प्रकार के पार्टी वियर गारमेंट व अन्य कपड़े महंगे हुए हैं। महिलाओं के सूट की सिलाई के दाम में भी काफी उछाल आया है। कपड़ा व्यापारियों के अनुसार कोरोना काल के बाद अधिकतर लोग ब्रांडेड कपड़ा खरीदने के बजाए सस्ते कपड़े को तवज्जो दे रहे हैं। इससे व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। कपड़ों के दाम
कपड़े,तीन साल पहले,अब
लेडीज सूट,300-600,1000
जींस,400-600,1000-1200
कमीज व टी शर्ट,300-500,500-1000
दुपट्टा,100-250,300-400
बच्चों की जींस व शर्ट,300-500,500-1000
लेडीज कुर्ती,300-500,800-1200
लेडीज टाप,300-500,600-1000 कपड़ा व्यक्ति की विशेष जरूरतों में शामिल है। तीन साल में खाद्य पदार्थो के साथ कपड़े भी महंगे हुए हैं। फैशन तो दूर, अब घर पर पहने जाने वाले साधारण कपड़े भी महंगे हो गए हैं।
-विजय कुमार,लोअर ढालपुर हर व्यक्ति सुंदर परिधान पहनने की इच्छा रखता है। कपड़ों के दाम में आ रहे उछाल के कारण ब्रांडेड कपड़े पहनने के बजाए सस्ते कपड़े खरीदना पसंद करती हूं। जीएसटी के कारण कपड़े महंगे हुए हैं।
-मोनिका, भुंतर कोरोना के कारण काफी समय तक दुकानें बंद रहने से पहले ही काफी नुकसान झेलना पड़ा है। अब कपड़ों के दाम में दोगुना वृद्धि होने के कारण ग्राहक सस्ते सामान की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इससे कारोबार करना मुश्किल हो गया है।
-कुलविद्र, रेडीमेड कपड़ा व्यापारी