निजी बस ऑपरेटरों ने मांगा प्रदेशाध्यक्ष, महासचिव का इस्तीफा
हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ सरकार के साथ वार्ता में हर मोर्चे पर नाकाम रहा है।
संवाद सहयोगी, कुल्लू : हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ सरकार के साथ वार्ता में हर मोर्चे पर नाकाम रहा है। प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव सरकार के समक्ष निजी बस ऑपरेटरों का पक्ष रखने में विफल रहे हैं। इसका खामियाजा प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार ने उनकी मांगों पर आज तक कोई ठोस निर्णय न लेकर निजी ऑपरेटरों को कोई भी राहत नहीं मिल पाई है। इस कारण प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर और प्रदेश महासचिव रमेश कमल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
निजी बस ऑपरेटर एसपी अवस्थी कांगड़ा, शिव राम राणा जसूर, अनुज बलोरिया धर्मशाला, राजेंद्र शर्मा कुल्लू, मनीष शर्मा रामपुर, विनय गोयल कुल्लू, मनीष शर्मा शिमला, भूपेश नंदन कुल्लू ने जारी बयान में कहा कि प्रदेशाध्यक्ष और महासचिव के निजी स्वार्थो का खामियाजा प्रदेशभर के ऑपरेटरों को भुगतना पड़ रहा है। वे प्रदेश की जनता को गुमराह कर निजी बसों का संचालन पूर्ण रूप से बंद करने का आह्वान कर रहे हैं। भूपेश नंदन ने कहा कि उन्होंने सरकार के समक्ष जो भी मांगें रखी उनमें से अधिकतर को मान लिया गया है। अब अनलॉक-2.0 के चलते एक जुलाई के बाद प्रात: पांच बजे से रात्रि 10 बजे से तक ही देशभर में लॉकडाउन व हिमाचल में कर्फ्यू रहेगा।
भूपेश नंदन ने सरकार से मांग की है कि डीजल का मूल्य प्रतिदिन बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को निजी बस ऑपरेटरों के व्यवसाय को बचाने के लिए बसों के किराये में आंशिक वृद्धि व न्यूनतम किराया वृद्धि का प्रस्ताव सदन में पारित करना चाहिए। निजी बस ऑपरेटर एक जून से लगातार बसें चला रहे हैं। भूपेश नंदन ने आश्वस्त किया कि निजी बसों का संचालन प्रदेश में बंद करने का कोई भी विचार नहीं है। प्रदेश के अधिकतर बस ऑपरेटर सरकार के निर्णय के साथ है।