हादसों के बावजूद पैराग्लाइडर कर रहे मनमानी
विश्व में पर्यटन के रूप में छाप छोड़े कुल्लू में देश विदेश से हवा में कलावाजी करने आते हैं।
-प्वाइंट कहीं और लैंडिंग कहीं और कर रहे, हो सकता है हादसा
-पिरड़ी में पेड़ों और बिजली के तारों के साथ कर रहे है लैंडिंग संवाद सहयोगी, कुल्लू : जिले में नियमों को ताक पर रखकर पैराग्लाइडिंग की जा रही है। हादसों के बावजूद इससे सबक नहीं लिया। कुल्लू से कुछ ही दूरी पर पिरड़ी में पैराग्लाइडिंग हो रही है। इसके लिए बिकायदा लैंडिंग प्वाइंट घोषित किया है, लेकिन पर्यटकों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए पायलट ऐसी जगह पर लैंडिंग कर रहे हैं, जहां एक और घने पेड़ और साथ बिजली की तारें हैं।
वीरवार को दोपहर करीब 12 बजे यहां पर लगातार दो पैराग्लाइडरों ने लैंडिंग की। ऐसा नहीं है कि इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है, लेकिन यह पायलट इतने शातिर हैं कि विभाग की टीम यहां पहुंचती है तो यह उड़ान ही नहीं भरते हैं। इसके लिए तलोगी साइट से उडान भरी जाती है। जिला कुल्लू में लगातार हादसों के बाद भी ये पायलट अनजान बने हुए हैं। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।
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ये हैं चिह्नित साइट
जिले में सोलंगनाला, मढ़ी, मझाच, डोभी, रायसन, तलोगी, कोठी, गढसा साइट से पैराग्लाइडर उड़ान भरते हैं। इन सात साइट की पर्यटन विभाग की तकनीकी कमेटी जांच करती है। इसके बाद ही पैराग्लाइडर को उड़ान की इजाजत होती है। कुल्लू जिला में 500 के करीब पैराग्लाइडर पायलट हैं।
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पिरड़ी में अगर चिह्नित स्थान पर पायलट लैंड नहीं कर रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने लैंडिंग प्वाइंट बनाया है। पर्यटन विभाग लगातार पैराग्लाइडरों और राफ्टरों पर नजर बनाए हुए है।
-बीसी नेगी, जिला पर्यटन अधिकारी कुल्लू।