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..यहां नहीं चलता टेलीविजन व मोबाइल फोन

ऊर्जा राज्य के नाम से मशहूर हिमाचल में अभी भी हर गांव में बिजली नही है। इस कारणा लोगों को दिक्कत हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 06:56 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 06:19 AM (IST)
..यहां नहीं चलता टेलीविजन व मोबाइल फोन
..यहां नहीं चलता टेलीविजन व मोबाइल फोन

संवाद सहयोगी, कुल्लू : ऊर्जा राज्य के नाम से मशहूर हिमाचल में अभी भी हर गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है। बंजार उपमंडल की सैंज घाटी के तीन गांवों शाक्टी, मरौड़ व शुघाड़ में बिजली नहीं पहुंची है। इस कारण 200 लोगों की आबादी वाले इन गांवों में न तो टेलीविजन चलता है और न ही मोबाइल फोन काम करता है।

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शाक्टी, मरौड़ व शुघाड़ गांव के लिए कुछ समय पूर्व सोलर पैनल कनेक्शन दिए गए लेकिन विद्युत विभाग की लाइन अभी तक नहीं पहुंच पाई है। प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आते ही ग्रामीणों में उम्मीद की किरण जगी थी। दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत तीनों गांवों के लिए 1.30 लाख रुपये से बिजली पहुंचनी थी। योजना के तहत विद्युत विभाग ने टेंडर भी लगा दिए। बिजली के खंभे व अन्य सामग्री भी गांवों में पहुंचा दी। ये गांव ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शमशी के तहत आते हैं। सेंक्चुअरी क्षेत्र होने के कारण वाइल्ड लाइफ विग ने कार्य पर रोक लगा दी है। कार्य के लिए विद्युत विभाग को वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत अनुमति लेनी चाहिए थी जो नहीं ली गई है। विद्युत विभाग को एफसीए की मंजूरी लेनी होगी। यह अनुमति पहले केंद्र से मिलेगी। सत्तर से अधिक पेड़ काटने होंगे तभी इन गांवों के लोगों को बिजली की सुविधा मिल पाएगी। कई पेड़ों के कटान के कारण योजना के जल्द पूरे होने की उम्मीद कम नजर आ रही है। हालांकि बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने गत दिनों हुई बैठक में यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद आनन-फानन में विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में कार्य शुरू कर दिया है। वापस नहीं ले जाने देंगे खंभे

स्थानीय निवासी हीरा चंद, मोती राम, प्रेम सिंह, शेर सिंह, दुले राम व जीत राम ने कहा कि छह महीने पहले यहां बिजली के खंभे पहुंचा दिए गए हैं। अब ग्रामीण इन खंभों को वापस नहीं ले जाने देंगे। शाक्टी, मरौड़ व शुघाड़ गांव में आजादी के कई साल बाद भी बिजली न होना हैरान करने वाला है।

शाक्टी, मरौड़ व शुघाड़ में बिजली सुविधा मुहैया करवाने के लिए केंद्र सरकार की दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत केबल बिछाने की योजना थी। इसके लिए वहां तक खंभे भी भेज दिए गए थे। वन विभाग से स्वीकृति न मिलने के कारण कार्य बंद हो गया है। जल्द अनुमति लेकर कार्य शुरू करवाया जाएगा।

-संजय कौशल, एसई, बिजली बोर्ड वृत्त कुल्लू।

--------- मुझे जैसे ही पता चला कि शाक्टी, मरौड़ व शुघाड़ गांवों के लिए खंभे पहुंचाए जा रहे हैं तो मैने इसे रोक दिया है। विद्युत विभाग द्वारा एफसीए की अनुमति के लिए आवेदन किया गया है। जैसे ही विभाग से अनुमति मिलेगी तो इन गांवों के लिए मंजूरी दी जाएगी।

-सुनीत भारद्वाज, डीएफओ बाइल्ड लाइफ शमशी।


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