एनएच किनारे पांच मीटर के दायरे में निर्माण पर नहीं मिलेगा मुआवजा
संवाद सहयोगी, कुल्लू : प्रदेश हाईकोर्ट के राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और पांच मीटर तक कोइ
संवाद सहयोगी, कुल्लू : प्रदेश हाईकोर्ट के राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और पांच मीटर तक कोई भी निर्माण पर रोक लगाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने भी भवन निर्माण न करने की अपील की है। व्यावसायिक भवनों के लिए दूरी आठ मीटर रहेगी जबकि अन्य भवनों का निर्माण पांच मीटर के दायरे में नहीं होना चाहिए। एनएच के पांच मीटर के दायरे में निर्माण करने वाले स्वयं उत्तरदायी होंगे और भविष्य में किसी तरह की कार्रवाई होने पर ऐसे भवनों का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उधर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद एनएचएआइ ने एनएच व फोरलेन के पांच मीटर के दायरे में निर्मित व निर्माणाधीन भवनों पर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
एनएचएआइ ने कीरतपुर से मनाली तक पांच मीटर के दायरे में बने भवनों का सर्वे शुरू कर दिया है। भूमि अधिग्रहण के बाद नियमों को ताक पर रखकर निर्माण हुआ है व निर्माण कार्य चल रहे हैं। 17 अगस्त 2018 को हाईकोर्ट ने एनएच लैंड एंड ट्रैफिक एक्ट 2002 और प्रदेश रोड साइड कंटोल एक्ट 1968 के तहत एनएच किन्नारे अवैध निर्माण पर संज्ञान लिया है। आदेशों में एनएचएआइ व सरकार से छह सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। फोरलेन के किनारे व औट से कुल्लू तक पांच मीटर के दायरे में बनने वाले भवनों को चिह्नित करने का कार्य शुरू कर दिया है।
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आदेश के बाद प्रदेश में एनएच किनारे पांच मीटर के दायरे में आने वाले सभी लोग प्रभावित होंगे। सरकार व एनएचएआई 50 सालों के बाद जागी है और अब इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करे।
-खुशहाल ठाकुर, अध्यक्ष, फोरलेन संघर्ष समिति।
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एनएच के दोनों ओर पांच मीटर तक कोई भी निर्माण कार्य न करे। व्यावसायिक भवनों के लिए दूरी आठ मीटर रहेगी। निर्माण कार्य करने वाले स्वयं उत्तरदायी होंगे।
-युनूस, उपायुक्त, कुल्लू ।