कुल्लू-मनाली में एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसएसबी ने संभाला मोर्चा
कुल्लू मनाली में मौसम साफ होते ही एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की टीमें राहत कार्य में जुट गई हैं।
जेएनएन, मनाली: कुल्लू मनाली में मौसम साफ होते ही एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की टीमें राहत कार्य में जुट गई हैं। राहत कार्य शुरू होने से ब्यास नदी के कहर से सहमे लोगों को को भी राहत मिल गई है। 1995 में ब्यास नदी में आई भयंकर बाढ़ से मनाली कुल्लू को मिले जख्म एक बार फिर हरे हो गए हैं। ब्यास नदी ने एकबार फिर रौद्र रूप दिखाया है।
सोलंग नाला से 55 किमी दूर कुल्लू तक ब्यास नदी करोड़ो की संपत्ति बहा कर ले गई है। नेहरुकुण्ड पुल सहित
मनाली, 15 मील, पतलीकूहल, डोभी पुल, रायसन ओर सेउबग बाग़ पुल को भारी नुकसान पहुंचा है। मनाली में 5 लोगों सहित एक सूमो, पार्किंग से वोल्वो बस और बैष्णो देवी मंदिर पार्किंग से एक ट्रक ब्यास नदी में बह गया है। मनाली के पास रोहतांग रोड की सड़क भी बह गई है साथ ही क्लब हाउस के पास भी सड़क टूट गई है जिससे पलचान, बरुआ, शनाग, वशिष्ठ ओर मनाली गांव पंचायत के लोगों का मनाली से संपर्क कट गया है। मनाली कुल्लु नेशनल हाइवे के बुडा केम्प, रांगड़ी, आलूग्राउंड, क्लॉथ, 15 मील, दोहरनाला ओर रायसन में सड़क बह गई है। नेशनल हाइवे में वाहनों की आवाजाही बंद पड़ी हुई है। छोटे वाहन कुल्लू से रायसन और रायसन से वामतट मार्ग होते हुए मनाली पहुंच रहे हैं।
वन, परिवहन एवं खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि बारिश से मनाली कुल्लू को 20 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया की एनडीआरएफ , आईटीबीपी और एसएसबी की टीमें राहत कार्य में जुट गई है। उन्होंने बताया कि लोगों को राहत देने के बाद कुल्लू मनाली नेशनल हाइवे को प्राथमिकता में बहाल किया जाएगा।