दूसरों को सहारा देने वाले खुद बेसहारा, अंधेरे में काटनी पड़ रही है रातें
रोहतांग दर्रे में बना रेस्क्यू चौकी का भवन जर्जर हालत में है जिसकी वजह से लोगों की रक्षा करने वाले जांबाज जवान खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
मनाली, जेएनएन। रोहतांग दर्रे को पैदल पार करवाने वाले बचाव दल के सदस्य खुद को अहसाय महसूस कर रहे हैं। रोहतांग दर्रे में विकट परिस्थितियों में जब-जब लोग वहां फंसे हैं तो इन जाबांज जवानों ने ही अपनी जान जोखिम में डाल उनकी जिंदगी बचाई है। कई बार सैलानियों के लिए भी यह बचाव दल रक्षक के रूप में काम आ चुका है। कई साल से बने इस रेस्क्यू चौकी का भवन जर्जर हालत में है। यह भवन कभी धराशायी हो सकता है।
मढ़ी में बना लोक निर्माण विभाग का एकमात्र रेस्ट हाउस कभी कभार बचाव दल सहित मढ़ी, रोहतांग में फंसने वाले सैलानियों सहारा बन जाता था। यह रेस्ट हाउस भी दो साल पहले जलकर राख हो गया था, जिसे बनाने की अभी कोई पहल नही की गई है। बिजली विभाग भी अपना ट्रांसफार्मर मढ़ी से उठा लाया है। इस कारण वहां बिजलीं भी नहीं है। बिजली न होने से बचाव दल अंधेरे में रातें काटने को मजबूर है।
मढ़ी में हवा का दबाव अधिक रहता है। इस कारण भवन का मजबूत होना जरूरी है। हालांकि लोक निर्माण विभाग ने इसकी मरम्मत का कार्य शुरू कर रखा है लेकिन अभी काम पूरा न होने से कई जगह से हवा अंदर आ रही है। राहगीर जयचंद व टशी ने बताया कि मढ़ी वाले रेस्क्यू भवन की हालत अति दयनीय हालत में है। लोक निर्माण विभा के एसडीओ पवन राणा ने बताया कि बर्फबारी होे से रेस्क्यू भवन की मरम्मत का कुछ कार्य शेष रह गया है। गत दिन से मौसम साफ हो गया है। शेष रहे कार्य को भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।
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उधर, बिजली विभाग मनाली के अधिशाषी अभियंता देवेंद्र कौंडल में बताया कि मढ़ी में बर्फबारी होने से विभाग अपना ट्रांसफार्मर ले आया है। अधिक बर्फबारी से ट्रांसफार्मर खराब हो सकता है। वहीं, मनाली के एसडीएम रमन घरसंगी ने बताया कि वह स्वयंमढ़ी का दौरा करेंगे। बचाव दल की समस्याओं का समाधान भी करेंगे।
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