एनडीआरएफ का इंजीनियरिग विंग करेगा आकलन : डा. मार्कंडेय
लाहुल घाटी के उदयपुर क्षेत्र में जुंडा के समीप चंद्रभागा नदी में पहाड़ दरकने से रुके बहाव का जायजा लेने एनडीआरएफ का इंजीनियरिंग विंग आएगा।
जागरण संवाददाता, मनाली : लाहुल घाटी के उदयपुर क्षेत्र में जुंडा के समीप चंद्रभागा नदी में पहाड़ से अचानक हुए भूस्खलन के बाद पानी का बहाव रुकने से घरों और खेतों को हुए नुकसान का तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय, मुख्य सचिव रामसुभाग सिंह और पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू जायजा लिया। पानी का बहाव रुकने से सबसे अधिक नुकसान झेलने वाले तड़ंग गांव के तीन परिवारों से भी मिले। प्रशासन को उन्हें तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। प्रशासन ने मौके पर ही तीनों परिवारों को फौरी राहत भी प्रदान की। इनमें सुखदास, रमेश और देवी चंद शामिल हैं।
डा. रामलाल मार्कंडेय ने कहा हालांकि नदी का बहाव अब कुछ खुल गया है। फिर भी पहाड़ से जो मलबा गिरा है उसके खतरे से निपटने और आगे के लिए भूस्खलन के खतरे का आकलन करने के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया है। टीम में इंजीनियरिग विशेषज्ञ भी होंगे। जिन भी परिवारों के खेतों और फसलों को पानी का बहाव रुकने से नुकसान हुआ है उन्हें हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों और फील्ड कर्मचारियों को भी निर्देश दिए कि नुकसान का आकलन जल्द किया जाए। लाहुल-स्पीति प्रशासन को यह निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित परिवारों के रहने और खाने-पीने की तुरंत पूरी व्यवस्था की जाए। आने वाले समय में जिन गांव को इस तरह के भूस्खलन के खतरे की आशंका हो सकती है। उनके लिए एक विशेष कार्ययोजना पर भी विचार किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर करवाया जाएगा वैज्ञानिक अध्ययन
राज्य में कुछ जिलों में हो रही भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव रामसुभाग सिंह ने बताया कि इसको लेकर राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक अध्ययन करवाया जाएगा, ताकि इस अध्ययन से यह पता चल सके कि किन कारणों से भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। इसमें विभिन्न एजेंसियों की मदद ली जाएगी। तिंदी तक के गांवों को किया अलर्ट
उपायुक्त नीरज कुमार ने तकनीकी शिक्षा मंत्री और मुख्य सचिव को बताया कि पानी का बहाव रुकने के बाद चंद्रभागा नदी के निचले क्षेत्रों में तिंदी तक के गांवों को अलर्ट कर दिया गया था। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।