कोरोना संकट में मनरेगा ने दिया सहारा
साल भर पर्यटकों से चहकी रहने वाली पर्यटन नगरी मनाली कोरोना संकट से जूझ रही है। पर्यटक न होने से मनाली की उझी घाटी को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। मनाली की पलचानशनाग व बरुआ पंचायत
जागरण संवाददाता, मनाली : सालभर पर्यटकों से चहकी रहने वाली पर्यटन नगरी मनाली कोरोना संकट से जूझ रही है। पर्यटक न होने से उझी घाटी को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। मनाली की पलचान, शनाग व बरुआ पंचायत के 90 फीसद लोग रोहतांग पर्यटन स्थल से रोजगार चलाते हैं। कोरोना संकट में बेरोजगार हो चुके लोगों के लिए पंचायत मसीहा बनकर सामने आई है। बेरोजगार महिलाओं के लिए मनरेगा मददगार साबित हुई है। मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर महिलाएं कोरोना संकट को हराने में जुट गई है।
कोरोना संकट के दौर में सबसे बड़ा प्रभाव पर्यटन क्षेत्र पर पड़ा है। प्रदेश का पर्यटन स्थल मनाली सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मनरेगा से एक और जहां बेरोजगार हो चुके लोगों को रोजगार मिल रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यो को भी गति मिली है।
पलचान पंचायत की महिला रेशमा, जानकी, लक्ष्मी व टिकमी ने बताया कि जून में पर्यटन करोबार चरम पर होता था तथा मई व जून ही उनके सीजन के महीने होते थे। कोरोना संकट ने बेरोजगार कर दिया था लेकिन अब वह मनरेगा में काम कर संकट को पार पाने का प्रयास कर रही है।
पंचायत पलचान प्रधान सुंदर ठाकुर ने बताया कि पलचान व सोलंग गांव में चैक डैम का कार्य चल रहा है जबकि कोठी, रुआड़ गांव में रास्तों के निर्माण का कार्य सहित पंचायत भवन की छत का निर्माण किया जा रहा है। कोरोना संकट में बेरोजगार हुई महिलाओं को मनरेगा में काम मिलने से राहत मिली है।
नग्गर के बीडीओ मुकेश कुमार ने बताया कि नग्गर खंड की सभी पंचायतों के विकास कार्यो ने गति पकड़ी है। कोरोना के दौर में लोगों को रोजगार देने में पंचायतें अहम भूमिका निभा रही हैं।