बीआरओ ने तोड़ी आस, लेह में फंसे चालक निराश
लेह में फंसे चालको की बढ़ी परेशानी, श्री नगर जम्मू मार्ग ही एकमात्र विकल्प।
मनाली, जसवंत ठाकुर। एक सप्ताह से मनाली लेह मार्ग की बहाली के इंतजार कर रहे चालकों की बीआरओ ने आस तोड़ दी है। बीआरओ ने लाहुल स्पीति प्रशासन को पत्र लिखकर अब बर्फबारी होने की सूरत में रोहतांग बहाली को करने से इनकार कर दिया है। मनाली लेह मार्ग भी अब सर्दियों के लिए बन्द हो गया है। हालांकि लाहुल घाटी के लोगों के लिए रोहतांग सुरंग बेहतर विकल्प है लेकिन लेह में फंसे मनाली और लाहुल के चालकों के पास बाया श्रीनगर जम्मू मार्ग ही एकमात्र विकल्प रह गया है।
सेना की रसद लेकर मनाली से लेह जा रहे वाहन भी पिछले एक सप्ताह से मनाली में रुके हैं। इन्हें भी जम्मू मार्ग ही पकड़ना पड़ेगा। इन अभी वाहन चालकों को अढाई गुना अधिक लम्बा सफर करना पड़ेगा। बीआरओ का कहना है कि रोहतांग दर्रे में ही बर्फ़ीली हवा बाधा बनी हुई है तो बारालाचा दर्रे में हालात और भी खराब है। बीआरओ ने रिहायसी इलाके दारचा तक तो मार्ग बहाल कर लिया है लेकिन दारचा से सरचू तक सड़क 4 फुट से अधिक बर्फ से ढकी हुई है।
बीआरओ का कहना है कि पहले उन्होंने बारालाचा मार्ग को खोलने का भी प्लान बनाया था लेकिन बारालाचा में मौसम की परिस्थितियों ठीक नही है। उन्होंने बताया कि आधिकारिक तौर पर भी मनाली लेह मार्ग 15 अकटूबर से बंद कर दिया गया है। रोहतांग दर्रे में ही बीआरओ को वाहनों की आवाजाही सुचारू रखना चुनाैती बना हुआ है। बीआरओ ने इस मार्ग को भी अब बर्फ़बारी पड़ने की सूरत में बहाल नही करने की बात कही है।
बीआरओ कॉमंडर कर्नल एके अवस्थी ने बताया कि मनाली लेह मार्ग वाहनों के लिए अब अगले साल ही बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा की रोहतांग दर्रा भी अब बर्फबारी से बन्द होता तो इसे भी अगले साल ही बहाल किया जाएगा। उधर कृषि मंत्री डॉ राम लाल मार्कण्डेय ने कहा कि आपात स्थिति में लाहुल के लोगों को रोहतांग सुरंग से आर-पार जाने की अनुमति रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने को यथा सम्भव प्रयास कर रही है।