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कुल्लू में ब्यास नदी के तट पर होगी महाआरती

Mahaaarti at Beas River. जिला प्रशासन की तरफ से कुल्लू की ब्यास नदी पर महाआरती का आयोजन किया जाएगा, आयोजन के दौरान देवी देवताओं का आह़वान कर राग बजाए जाएंगे।

By Edited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 03:01 AM (IST)
कुल्लू में ब्यास नदी के तट पर होगी महाआरती
कुल्लू में ब्यास नदी के तट पर होगी महाआरती

कुल्लू, जेएनएन। जिला कुल्लू के ब्यास नदी के तट पर जिला प्रशासन महाआरती करेगा। इसके लिए प्रशासन ने रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है। समुद्रतल से करीब 4,361 मीटर ऊंचाई पर रोहतांग दर्रा के समीप ब्यास कुंड से निकलने वाली विपाशा यानी ब्यास नदी के तट पर मौहल स्थित नेचर पार्क के साथ महाआरती होगी। इसमें परंपरागत देव ध्वनियों पर विपाशा नदी की स्तुति की जाएगी, यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर का होगा। इस आयोजन से कुल्लू जिला के साथ एक और इतिहास जुड़ जाएगा। जिला प्रशासन का कहना है इस तरह का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा। इस महाआरती को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी आने की उम्मीद है।

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नदी किनारे गूंजेंगी देव ध्वनियां

ब्यास नदी के किनारे इस महाआरती के आयोजन के दौरान देव ध्वनियां गूंजेंगी और देवी-देवताओं का आह्वान करने के राग बजाए जाएंगे। ब्यास नदी की महिमा का गुणगान किया जाएगा।

इन नामों से जानी जाती है ब्यास

 कुल्लू जिला के रोहतांग पास स्थित ब्यास कुंड से निकलने वाली ब्यास नदी का अस्तित्व 460 किलोमीटर के करीब है और हिमाचल प्रदेश में इस नदी की लंबाई 260 किलोमीटर है। इस नदी का पुराना नाम अर्जिकिया और विपाशा है। लेकिन बाद में अंग्रेजों ने इस नदी का नाम ब्यास कुंड पर आधारित ब्यास नदी रख दिया। यह नदी ब्यास कुंड स्थित रोहतांग दर्रे से कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा के मुरथल के पास पंजाब में चली जाती है। यह प्रदेश की जीवनदायिनी नदियों में से एक है।

पर्यटन को बढ़ावा देने में निभाएगा अहम भूमिका

 विपाशा नदी के तट पर होने वाला यह कार्यक्रम अगर आने वाले सालों में हर वर्ष मनाया जाता रहेगा, तो निश्चित तौर पर यह आयोजन कुल्लू जिला में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा। इस आयोजन से देश-विदेश से धार्मिक आस्था से जुड़े पर्यटकों को कुल्लू खींचने में सार्थक साबित होगा। जानकारों की माने तो यह आयोजन वास्तव में कुल्लू जिला ही नहीं आसपास लगते जिलों को भी धार्मिक ²ष्टि से पर्यटन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा।

 प्रशासन महाआरती का आयोजन करेगा। इसके लिए ब्यास नदी के तट पर जल्द ही स्थान का चयन किया जाएगा। इस आयोजन के लिए धार्मिक आयोजन से जुड़े लोगों से बात की जाएगी और इसको लेकर शुभ मुहुर्त निकाला जाएगा। यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर का होगा।

-यूनुस, उपायुक्त, कुल्लू।


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