एक साल से हो रहा भूस्खलन, दहशत में ग्रामीण
धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण घाटी के छिजरा गांव में पहाड़ी से भूस्खलन के कारण एक साल होने को आ गया लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है।
दविंद्र ठाकुर, कुल्लू
धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण के छिजरा गांव में पहाड़ी से हो रहा भूस्खलन एक साल से खतरा बना हुआ है। लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है। ग्रामीणों ने जनमंच में भी समस्या उठाई है। बुधवार को मणिकर्ण घाटी के शाट में आयोजित जनमंच में छिजरा गांव के प्रदीप कुमार से यह समस्या मंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि एक साल होने को आ गया है, लेकिन गांव में भूस्खलन से रास्ते खस्ताहाल हैं।
हल्की बारिश होने पर रास्तों से निकलना खौफनाक है। रास्तों पर पत्थर गिरते हैं, कभी भी हादसा हो सकता है। यहां कुछ रास्ते बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लेकिन प्रशासन व विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
22 फरवरी 2019 को छिजरा गांव में भारी भूस्खलन हुआ था। इस दौरान मकान पर चट्टानें गिरने से गांव में दहशत का माहौल बन गया था। छिजरा गांव के 12 परिवारों ने गांव छोड़ दूसरों के घरों में शरण ली थी। एक होने को है, लेकिन यहां पर छुटपुट कार्य ही हुआ है। आज भी ग्रामीणों की दिक्कतें कम नहीं हुई हैं। ग्रामीणों की मांग है कि इसके लिए एक दीवार दी जाए। हालांकि प्रशासन ने इसके लिए करीब सात लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है, लेकिन अभी तक कार्य नहीं हो पाया है। ग्रामीण कन्हैया लाल, अमरजीत, हर्षदीप, जोगिद्र पाल, ओम प्रकाश, राम लाल, सोहन लाल, ज्ञान चंद, महेंद्र ने बताया कि गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
एसडीएम कुल्लू अनुराग चंद्र शर्मा का कहना है कि प्रशासन की ओर से यहां 14 ब्लास्ट किए हैं। करीब सात लाख रुपये का एस्टीमेट भी बनाया गया है। जल्द ग्रामीणों की समस्या का हल किया जाएगा। बाक्स
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ग्रामीणों की शिकायत पर अधिकारियों को मौके पर जाने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों को रास्ते दुरुस्त करने और दीवार लगाने के निर्देश दिए हैं।
-डॉ. राम लाल मार्केडेय कृषि मंत्री।