स्कूल का दर्जा बढ़ाया पर शिक्षक एक न आया
द¨वद्र ठाकुर, कुल्लू राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुटवा का दर्जा तो बढ़ा दिया गया। लेकिन
द¨वद्र ठाकुर, कुल्लू
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुटवा का दर्जा तो बढ़ा दिया गया। लेकिन सरकार यहां पूरा स्टाफ का प्रबंध नहीं कर पाई है। इस कारण यहां अध्ययनरत 112 विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर है। वर्ष 2017 में हाई स्कूल को अपग्रेड कर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का दर्जा दिया गया है।
मौजूदा समय में यहां पर प्रधानाचार्य, पीईटी और डीएम ही सेवाएं दे रहे हैं। दिसंबर 2017 में यहां पर कुछ समय के लिए ¨हदी भाषा के प्रवक्ता की ही नियुक्ति हुई थी। लेकिन कुछ समय बाद उनका भी तबादला हो गया। अब यहां पर बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। बिना अध्यापकों के विद्यार्थी व अभिभावक परेशान हैं। छठी से जमा दो कक्षा तक सात कक्षाओं को तीन अध्यापकों के सहारे छोड़ दिया है। यहां पर अहम विषयों के पांच पद रिक्त हैं। वर्ष भर बच्चों को पूरी शिक्षा न मिलने से अभिभावक भी चिंतित हैं।
अभिभावकों का कहना है अगर नए शैक्षणिक सत्र में यहां पर अन्य अध्यापकों की नियुक्ति सरकार व विभाग नहीं करता है तो वे बच्चों का दाखिला मजबूरन घरद्वार छोड़कर अन्य स्कूलों में करने को मजबूर होंगे।
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आठ गांव के 112 बच्चे हैं अध्ययनरत
कुटवा स्कूल में देउठी पंचायत के आठ गांवों के करीब 112 बच्चे इस समय पढ़ाई करते हैं। यहां पर कुटवा, डघुट, डौहवी, नथराल, जौह, डींग, घार, घनैर आदि गांव के बच्चे अध्ययनरत हैं। बच्चों के अभिभावकों ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर अगले सत्र में विभाग व सरकार यहां पर अध्यापक नहीं भेजते हैं तो हम लोग अपने बच्चों का दाखिला यहां पर नहीं करवाएंगे।
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शिक्षकों के ये पद रिक्त :
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुटवा में महत्वपूर्ण पांच पद रिक्त हैं, इसमें पीजीटी अंग्रेजी, पीजीटी राजनीतिक शास्त्र, पीजीटी इतिहास, ¨हदी और आइटी के पद रिक्त हैं। विद्यालय में प्रवक्ताओं के पांचों पद रिक्त हैं। उच्च स्तर तक भाषा अध्यापक, टीजीटी आर्ट्स, टीजीटी मेडिकल, नॉन मेडिकल, संस्कृत जैसे पद भी रिक्त हैं। अभिभावकों को ¨चता सता रही है कि आखिर बच्चे वार्षिक परीक्षाएं कैसे दे पाएंगे।
------ स्थानीय पंचायत ने इस विषय को लेकर कई बार नेताओं से बात की है। लेकिन अभी तक किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है। यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। लेकिन विभाग व सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाती नजर नहीं आ रही है।
-निशा देवी, प्रधान, देउठी पंचायत।
---- स्टाफ की कमी के साथ विद्यालय में लेखा कार्यो के लिए भी पर्याप्त स्टाफ नहीं है। प्रवक्ता के सभी पद रिक्त हैं। उच्च स्तर तक भाषा अध्यापक, टीजीटी आर्ट्स, टीजीटी मेडिकल, नॉन मेडिकल, संस्कृत जैसे पद रिक्त हैं। इस बारे में विभाग को सूचित किया जा चुका है।
-राजेश ठाकुर, प्रधानाचार्य, कुटवा स्कूल।