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बर्फबारी व बारिश ने बढ़ाई बेसहारा पशुओं की दिक्कत

पहाड़ों पर हो रही ब़र्फबारी बेसहारा पशुओं पर भारी पड़ गई है। गुलाबा कोठी पलचान व उझी घाटी के बीच अभी भी सैकड़ों पशु खुले में घूम रहे हैं। गुलाबा में चार इंच बर्फ पड़ चुकी है जबकि सोलंग कोठी में भी बर्फ के फाहे गिर रहे है। मनाली घाटी में लगातार बारिश का दौर जारी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 04:42 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 04:42 PM (IST)
बर्फबारी व बारिश ने बढ़ाई बेसहारा पशुओं की दिक्कत
बर्फबारी व बारिश ने बढ़ाई बेसहारा पशुओं की दिक्कत

जागरण संवाददाता, मनाली : पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी बेसहारा पशुओं पर भारी पड़ गई है। गुलाबा, कोठी, पलचान व उझी घाटी के बीच अभी भी सैकड़ों पशु खुले में घूम रहे हैं। गुलाबा में चार इंच बर्फ पड़ चुकी है जबकि सोलंग, कोठी में भी बर्फ के फाहे गिर रहे है। मनाली घाटी में लगातार बारिश का दौर जारी है। बारिश व बर्फबारी ने इस बेसहारा पशुओं की दिक्कत को बढ़ा दिया है। इन पशुओं को सहारे की जरूरत है। सेव मनाली संस्था के युवा पिछले कई सालों से निस्वार्थ भाव से गोसदन के संचालन में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। इन युवाओं ने न केबल गोसदन का संचालन करने में अहम भूमिका निभाई बल्कि घाटी के हर गांव को भी गोसदन से जोड़ा। इस बार भी गोसदन के संचालन में सभी समाजिक व व्यवसाय से जुड़े संगठनों की गोसदन के संचालन में मदद की जरूरत है। हालांकि यह पशु ग्रामीणों द्वारा ही बेसहारा किये गए है। लेकिन अब इनकी रक्षा करना सभी शहर व गांववासियों का जिम्मा बन गया है। जीप यूनियन मनाली ने दो जीप घास भेंट कर मदद की शुरुआत कर दी है। सेव मनाली संस्था के प्रधान प्रेम करवां ने बताया कि बर्फबारी व बारिश ने बेसहारा पशुओं की दिक्कत बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि संस्था का हर सदस्य गोसदन के संचालन में अपना योगदान दे रहा हैं। लेकिन गोसदन के संचालन में धन की भारी कमी है। उन्होंने मनाली घाटी के सभी लोगों से आग्रह किया कि वो बेसहारा पशुओं का सहारा बने।

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पलचान पंचायत के प्रधान सुंदर ठाकुर ने बताया कि कोठी गुलाबा के जंगलों से सभी पशुओं को मनाली भेजा जा रहा है।

मनाली एसडीएम रमन घरसंगी ने कहा की गोसदन के संचालन में मनाली की सभी पंचायतों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने सभी समाजिक व व्यवसाय से जुड़े संगठनों से आग्रह किया कि वो गोसदन के संचालन में अपना योगदान दे। खुले में घूम रहे पशुओं की यथासंभव व्यवस्था की जाएगी।


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