तीर्थन घाटी के 40 गांवों के लोग अंधेरे में रहने को मजबूर
बंजार उपमंडल के तहत तीर्थन घाटी में करीब 40 गांव में के लोगों को बिजली के बिना अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। बंजार विधुत उपमंडल के तहत तीर्थन घाटी के नोहांडा तुंग मशियार व शिल्ही ग्राम पंचायतों के करीब 40 गांव के ग्रामीण उपभोक्ता बिजली गुल रहने से अंधेरे में रहने को मजबूर है।
संवाद सहयोगी, गुशौणी : बंजार उपमंडल के तहत तीर्थन घाटी में करीब 40 गांव में के लोगों को बिजली के बिना अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। बंजार विद्युत उपमंडल के तहत तीर्थन घाटी के नोहांडा, तुंग, मशियार व शिल्ही ग्राम पंचायतों के करीब 40 गांव के ग्रामीण उपभोक्ता बिजली गुल रहने से अंधेरे में रहने को मजबूर है। ग्रामीण डोला सिंह, हरवंस लाल, वेद राम, परस राम भारती, रूपाजाणी, हरीश पेखडी, महेशवर सिंह, घनश्याम ठाकुर, तारा चंद, नवल किशोर, नांही, कपाल सिंह लाकचा, राकेश कुमार तिदर, हीरू राम, पालू, जीतू, चंदे राम, दीनानाथ, झनियार लाल, गोविद सिह, मशियार, ग्यान चंद, केबल राम शिल्ह, नरायण दास, झाबेराम आदि का कहना है कि यहां पर हल्के से मौसम खराब होने से या बारिश होने पर बिजली चली जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद दो दिनों तक बिजली को कर्मचारी ठीक तक नहीं करते हैं और ग्रामीणों को अंधेरे में रहना पड़ता है। इससे ग्रामीणों के कार्य प्रभावित होते हैं। जनमंच के दौरान भी समस्या को मंत्री के समक्ष रखा गया था, लेकिन समाधान नहीं हुआ। आजकल तो लोगों के विद्युत उपकरण शोपीस बन चुके हैं।
उधर, एसडीओ विद्युत विभाग तेज राम का कहना है कि कुछ शरारती तत्व नदी में मछली मारने के लिए बिजली का चोरी छिपे इस्तेमाल करते हैं। इस कारण बिजली गुल हो जाती है।