पंचायतों को मिले सीधा बजट, बीडीसी व जिप सदस्यों की भी न हो अनदेखी
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से नौ मार्च को पेश किए जाने वाले आम बजट को लेकर पंचायत, समिति
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से नौ मार्च को पेश किए जाने वाले आम बजट को लेकर पंचायत, समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों को काफी उम्मीदें हैं। जिला परिषद और बीडीसी सदस्यों के लिए अलग से बजट का प्रावधान होना चाहिए। 13 वें वित्तायोग के तहत केंद्र सरकार जिला परिषद को 50 फीसद, बीडीसी सदस्यों को 30 और पंचायतों को 20 फीसद विकास कार्यो की राशि जारी होती थी। 14वें वित्तायोग के तहत केंद्र सरकार ने यह राशि सीधे पंचायतों को देने का फैसला जिप सदस्यों व समिति सदस्यों ने नकारा है। उनका मामना है कि उनके लिए अलग से बजट का प्रावधान होना चाहिए। चर्चा के कुछ अंश..
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जिला परिषद और बीडीसी सदस्यों की मांग है कि उन्हें 13वें वित्तायोग की तर्ज पर फंड मिलना चाहिए। 14वें वित्तायोग में ऐसा नहीं है। इसमें सारा पैसा पंचायतों के माध्यम से ही आने की बात है। प्रदेश सरकार से हमें उम्मीद है कि इस बजट में अलग से बजट का प्रावधान किया जाएगा।
-रोहिनी चौधरी, अध्यक्ष, जिला परिषद कुल्लू।
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जिला परिषद अपनी तरफ से किसी भी पंचायत में विकास के लिए कोई राशि नहीं दे सकते, जबकि 13वें वित्तायोग में इसका प्रावधान था और इससे जिप सदस्यों को पूरा सम्मान मिलता था। हमारे पास वित्तीय शक्तियां न होने से हमें सरकार से उम्मीद है कि हमारे लिए भी वित्तीय शक्तियां देने का प्रावधान किया जाए।
-लोकेंद्र कुमार, जिला परिषद सदस्य, कुंगश वार्ड।
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जिला परिषद और बीडीसी सदस्य को 14वें विततायोग में भी बजट का प्रावधान होना चाहिए। पंचायतों के लिए बजट जरूर दें लेकिन इसमें जिप सदस्यों व पंचायत समिति सदस्यों को भी वित्तीय शक्तियां प्रदान करें। बजट में पंचायत समित व जिप सदस्यों के लिए अलग से बजट होना चाहिए।
-शशि कटोच, जिला परिषद सदस्य।
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प्रदेश सरकार से हमारा आग्रह है कि बजट में हमारे लिए भी प्रावधान होना चाहिए। प्रदेश सरकार से हमें उम्मीद है कि इस साल के बजट में हमारे लिए भी अलग से बजट होना चाहिए, ताकि हम लोग भी विकास कार्यो में अहम योगदान निभा सके।
-मीरा देवी, पंचायत समिति सदस्य, बंजार।