तीर्थन घाटी में सायर मेले की धूम
बंजार विकास खंड के तहत तीर्थन घाटी के ग्रामीण ईलाकों में घर-घर सायरी धूमधाम से मनाई जाती है। लोग साजे शयर को अखरोट खीरा मक्की सेब इत्यादि फसल को पहले ईष्ट देवता को चढाते है। उसके बाद अपने रिश्ते दारों के साथ मिलकर त्यौहा
संवाद सहयोगी, गुशैणी : बंजार विकास खंड के तहत तीर्थन घाटी के ग्रामीण इलाकों में घर-घर सायरी धूमधाम से मनाई जाती है। लोग साजे सायर को अखरोट खीरा, मक्की, सेब इत्यादि फसल को पहले ईष्ट देवता को चढ़ाते है। उसके बाद अपने रिश्ते दारों के साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं। स्थानीय निवासी राकेश कुमार, शर्ची, कंवर भारती, मास्टर तिंदर, धनेश्वर प्रसाद, डोड रिटायर्ड हेड मास्टर का कहना है सायर मेला घाटी में दस दिन तक मनाया जाता है। इसमें गुशैणी का दस बरेलिगा व सात देयूरी मेला प्रमुख रहते है। लोग साजे के शुभ अवसर पर नई फसल की कटाई कर देवता के नाम अखरोट खीरा सेब चढ़ाकर नई फसल की बेहतर पैदा की उम्मीद रखते है।