सीट बेल्ट और हेल्मेट से कुल्लवासियों का परहेज
कमलेश वर्मा, कुल्लू पुलिस के जागरूकता अभियान और बार-बार हेल्मेट व सीट बेल्ट के महत्व के
कमलेश वर्मा, कुल्लू
पुलिस के जागरूकता अभियान और बार-बार हेल्मेट व सीट बेल्ट के महत्व के बारे में बताने के बावजूद कुल्लू के बा¨शदे खासकर युवा हेल्मेट और सीट बेल्ट को लगाना अपनी तोहीन समझते हैं। यह खुलासा पिछले एक साल के चालान के आंकड़ों से हुआ है। पुलिस ने 21868 ऐसे युवाओं को पकड़ा जो हेल्मेट लगाने से परहेज करते हैं साथ ही 21619 ऐसे कार चालक के चालान काटे जो सीट बेल्ट लगाना जरूरी नहीं समझते। हादसों पर गौर किया जाए तो दो साल में 159 लोग मारे गए और 599 से अधिक घायल हुए। इसके बावजूद कुल्लू के लोगों के लिए सीट बेल्ट और हेल्मेट कोई मायने नहीं रखता है।
जिला कुल्लू में 369 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 159 लोग काल के ग्रास बने जबकि 599 लोग हादसे का शिकार होने बचे हैं। तेजी से बढ़ते यह सड़क दुर्घटना के आंकड़े चौंकाने वाले हैं और इससे अधिक इन आंकड़ों के साथ ही मरने वालों की संख्या और दुर्घटना में घायल होने वालों की संख्या और भी ¨चताजनक है। सबसे अधिक हादसे बाइक सवारों के हुए हैं, जिसमें कुछ युवा काल का ग्रास बने तो कई गंभीर हालत में घायल हुए। अधिकतर मामलों में सिर पर चोट लगना ही मुख्य कारण सामने आया। हालांकि पुलिस समय-समय पर यातायात नियमों के बारे में जागरूक करती है तथा चालान भी काटती है। लेकिन चालान के डर से शहर में तो हेल्मेट लगा लिया जाता है। लेकिन इसके आसपास इससे परहेज किया जाता है। एक साल में यातायात पुलिस ने 89,398 लोगों के विभिन्न यातायात नियमों का पालन न करने पर चालान काटे हैं। इनमें बड़ी संख्या में बिना हेलमेट पहनने वाले और सीट बेल्ट न लगाकर गाड़ी चलाने वाले चालक शामिल हैं।
---- ट्रैफिक चालान ने भरा सरकारी कोष वर्ष 2018 में ट्रैफिक पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों चालकों से करीब सवा करोड़ रुपये जुर्माना वसूल कर सरकारी खजाना भरा है। इनमें शराब पीकर वाहन चलाने के 646 मामले, मोबाइल इस्तेमाल के 1736, तेज रफ्तार 605, ओवर स्पीड 71, बिना हेलमेट के 21848, सीट बेल्ट 21619 मामलों में चालान काटे गए हैं, जबकि 28176 मामले कोर्ट में हैं।
------- जिला पुलिस की ओर से वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति समय-समय पर जागरूक किया जाता है। इसके अलावा नियमों की अवहेलना करने वालों पर भी नकेल कसी जा रही है।
-राजकुमार चंदेल, एएसपी, कुल्लू।