वैष्णवी व देवराज के सिर से उठा माता-पिता का साया
संवाद सहयोगी कुल्लू मम्मी-पापा के घर आने का इंतजार कर रही छह वर्षीय वैष्णवी को मंगलवार
संवाद सहयोगी, कुल्लू : मम्मी-पापा के घर आने का इंतजार कर रही छह वर्षीय वैष्णवी को मंगलवार रात यह कहकर सुला दिया कि सुबह आएंगे। बुधवार सुबह उठते ही नन्ही आंखें फिर दोनों को ढूंढने लगी। घर पर लोगों की भीड़ तो एकत्र थी, लेकिन मम्मी-पापा कहीं नहीं थे। फिर बड़े भाई देवराज से पूछा कि मम्मी-पापा कहां हैं। घर में इतने सारे लोग क्यों आए हैं, बहन की मासूमियत भरी बातें सुनकर 15 वर्षीय देवराज ने अंदर ही अंदर घुटते हुए बहन को संभाला और कहा थोड़ी देर में मम्मी पापा आ जाएंगे। लेकिन जब बुधवार दोपहर लुदर चंद और द्रोपदी के शव घर लाए गए तो घर पर मौजूद सब लोग रोने लगे। इससे एक पल के लिए वैष्णवी सिसक उठी और लोगों को रोते देखकर खुद भी रोने लगी। माता-पिता के अंतिम दर्शन के लिए जब बच्ची को लेकर गए तो उनको देखकर वह आवाज देने लगी मम्मी पापा उठो, उठो, पर दूसरी ओर से कोई आवाज नहीं आने पर रोते हुए कहने लगी मम्मी पापा बात क्यों नहीं कर रहे। इस मार्मिक दृश्य को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई।
मणिकर्ण घाटी के सरसाड़ी-चौंग कैंची मोड़ जीप हादसे का शिकार हुए दंपती के शव बुधवार दोपहर बाद गांव पहुंचते ही मातम छा गया। शारनी स्थित श्मशानघाट में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। छह वर्षीय वैष्णवी और 15 वर्षीय देवराज के सिर से हमेशा हमेशा के लिए माता-पिता का साया उठ गया और अब दादी और चाचा-चाची ही उनका सहारा रह गए हैं।
मंगलवार को मणिकर्ण घाटी के सरसाड़ी-चौंग रोड पर जीप दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से शारनी गांव के दंपती की मौत हो गई थी जबकि चालक घायल हुआ था। लुदर चंद खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था।