उत्तराखंड की तर्ज पर अब हिमाचल में भी होगी नशा मुक्त भांग की खेती, जल्द हो सकती है लीगल; ये है सरकार का प्लान
उत्तराखंड की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में भी भांग की खेती की जाएगी। सरकार इसे लीगल करने के लिए प्रयासरत है। सरकार ने इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। आने वाले दिनों में नशा मुक्त भांग की खेती की जाएगी।
कुल्लू, संवाद सहयोगी। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी उत्तराखंड की तर्ज पर नशा मुक्त भांग की खेती की जाएगी। प्रदेश सरकार भांग की खेती को वैध करने के लिए प्रयासरत है। हाल ही में सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ने उत्तराखंड का दौरा कर कई अहम जानकारियां हासिल की। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर शनिवार को कुल्लू के परिधि गृह में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज कैंसर के इलाज के लिए यूरोपियन देशों से दवाइयां आ रही हैं। लेकिन अब हिमाचल प्रदेश में ही उन दवाइयों को तैयार किया जाएगा। उत्तराखंड में भांग से बनी हुई ईंट के मकान भी बने हैं। इसके अतिरिक्त, भांग के रेशे से कपड़े तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे बना हुआ कपड़ा 10 गुना महंगा बिकता है और इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के लोग आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आएगा। सुंदर सिंह ठाकुर ने आगे कहा कि सेब के पौधों के बीच भांग की खेती करने से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ेगी। भांग की जड़ों में नाइट्रोजन होता है। मलाणा, बंजार के उंचाई वाले क्षेत्रों में उच्च किस्म की भांग पैदा होती है। भांग का पौधा लगाना कोई कानूनी जुर्म नहीं है। इससे तैयार होने वाली चरस निकालना जुर्म है।
प्रदेश में बुनकरों को भी मिलेगा इसका लाभ
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि भांग के रेशे से कपड़े बनाने वाले बुनकरों को भी इससे काफी लाभ होगा। इसी के साथ पर्यटन की दृष्टि से भी यह अहम कदम होगा। मैदानी इलाकों में साल में इसकी चार और पहाड़ों में दो फसलें ली जाएंगी।