एशिया के सबसे ऊंचे गांव में हाफ मैराथन कर बनाया रिकॉर्ड
स्वच्छता अभियान के तहत जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में एशिया के सबसे ऊंचे गांव में पहली बार हाफ मैराथन का आयोजन किया गया।
केलंग, जेएनएन। स्वच्छता अभियान के तहत जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में एशिया के सबसे ऊंचे गांव में पहली बार हाफ मैराथन का आयोजन किया गया। इतनी ऊंचाई पर मैराथन का यह रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। काजा प्रशासन ने कोमिक गांव में लादरचा मेले के तहत हाफ मैराथन करवाने का फैसला किया था। इस मैराथन में 173 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जबकि 169 प्रतिभागियों ने दौड़ पूरी की। मैराथन को एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने हरी झंडी देकर रवाना किया। जबकि विजेताओं को पुरस्कार भी एसडीएम ने ही दिए। काजा खंड विकास अधिकारी जीसी पाठक ने बताया पुरुष वर्ग में डेम्यूल गांव के सोनम टाकपा ने प्रथम स्थान हासिल किया। 21.1 किलोमीटर की दूरी सोनम ने एक घंटे 58 मिनट में पूरी की, जबकि लादरचा गांव के दोर्जे संदीप ने दूसरा स्थान हासिल किया। वहीं महिला वर्ग में काजा की छेरिग पॉलजोंम ने प्रथम स्थान, जबकि पद्मा डेंगमो ने दूसरा स्थान पर जगह बनाई।
एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने बताया हाफ मैराथन का आयोजन सफलता पूर्वक तरीके से संपन्न हुआ। मैराथन 4538 मीटर से 4700 मीटर की ऊंचाई पर हुई है। कौमिक गांव से मैराथन शुरू हुई, जबकि इसका समापन डेम्यूल गांव में हुआ। इस मैराथन के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया। इस तरह की दौड़ कभी इतनी ऊंचाई पर आज तक नहीं हुई है। लोगों को अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर हमारे आसपास का वातारण साफ होगा तो हम सब रोगमुक्त रहेंगे। करीब 173 प्रतिभागियों ने इस दौड़ में हिस्सा लेकर जाहिर कर दिया कि स्वच्छता के प्रति अपनी भूमिका निभाने में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता है।
एशिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड में दर्ज
एशिया के सबसे ऊंचे गांव में 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन करवाने का रिकॉर्ड एशिया बुक में दर्ज हो गया है। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम इस दौड़ के दौरान विशेष तौर पर मौजूद रही।