पानी मांग रही गाडाघरट-बारवी पेयजल योजना
आनी उपमंडल में बनी एक करोड़ 20 लाख रूपये की लागत से बनी गाडाघराट-
दविद्र ठाकुर कुल्लू
आनी उपमंडल में बनी एक करोड़ 20 लाख रूपये की लागत से बनी गाडाघराट-बारवी पेयजल योजना अभी तक लोगों के गले तर नहीं कर पाई है। योजना के बनने से अब तक ग्रामीणों इससे पेयजल आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अभी तक ये खत्म नहीं हुआ है। वर्ष 2017 से अब तक योजना पूरी तैयार ही नहीं हो पाई है। इस योजना से जावण व नम्होंग की आबादी लाभान्वित होनी थी।
स्थानीय निवासी संतोष ठाकुर का कहना है कि योजना के तहत टैंक, फिल्टर टैंक बनकर तैयार हो चुके हैं। बीच में योजना में टेस्टिग के लिए पानी भी छोड़ दिया था, लेकिन इस दौरान समस्या पेश आई। इसके बाद अब तक योजना तैयार नहीं हो पाई है। जाबण और नम्होंग पंचायत में गर्मी में पेयजल संकट रहता है। यहां पर गर्मी कभी 15-15 दिन के बाद पेयजल आपूर्ति होती है।
इन पंचायतों को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए अतिरिक्त पेयजल योजना गाडाघराट से बारवी को स्वीकृत करवाई थी। हर बार जल शक्ति विभाग के अधिकारी कहते हैं कि इस योजना को गाडाघराट के लोगों ने रोका है। अब यह स्थिति भी नहीं रही है लेकिन फिर भी पेयजल योजना अधर में लटकी हुई है।
कई योजनाएं फांक रही धूल
आनी उपमंडल के जल शक्ति विभाग की ओर से कई योजनाएं तैयार तो की हैं लेकिन धरातल पर इनसे लाभ ही नहीं मिल रहा है। इसमें कई वर्ष पूर्व खनैर नाल शुश पेयजल योजना पर एक करोड़ 50 लाख रुपये खर्च किए गए। ला बनाला बिशलाधार के लिए 50 लाख रुपये खर्च किए गए है। इन योजना का भी धरातल पर कोई लाभ नहीं मिला है।
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गाडाघराट से बारवी पेयजल योजना में गाडाघराट गांव के लोगों ने विरोध किया था। इसके बाद इस समस्या को हल करने का प्रयास किया है। जल्द ही इस योजना को धरातल पर उतारा जाएगा।
-राज कुमार कौंडल, अधिशाषी अभियंता जल शक्ति विभाग आनी।