Move to Jagran APP

कागजों में भी कम नहीं हुई भूभू जोत सुरंग की दूरी

कुल्लू से जोगेंद्रनगर की दूरी कम करने वाली और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भूभू जोत सुरंग की दूरी कागजों में भी कम नहीं हो पा रही है। दो साल से डीपीआर प्रस्ताव तक सिमट कर रह गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 07:15 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:21 AM (IST)
कागजों में भी कम नहीं हुई भूभू जोत सुरंग की दूरी
कागजों में भी कम नहीं हुई भूभू जोत सुरंग की दूरी

कमलेश वर्मा, कुल्लू

loksabha election banner

कुल्लू से जोगेंद्रनगर की दूरी कम करने वाली और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भूभू जोत सुरंग की दूरी कागजों में भी कम नहीं हो पा रही है। सुरंग की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्ताव तक ही सिमट गई है। दो साल से डीपीआर की फाइल केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में फंसी है।

दो साल से केवल दावों में ही सुरंग का निर्माण हो रहा है। सरकार की अनदेखी के कारण अभी तक सुरंग निर्माण का कार्य तो दूर इसकी डीपीआर तक का कार्य सिरे नहीं चढ़ पाया है। करीब एक दशक से सुरंग अधर में है। अरसे से कांग्रेस और अब भाजपा जनता को सुरंग बनाने का सपना दिखा रही है, लेकिन इसे धरातल पर उतारने के लिए अभी कोई प्रयास नहीं हुए हैं। जयराम सरकार को भी सत्ता में आए ढाई साल हो गए हैं, लेकिन सुरंग घोषणा से आगे नहीं बढ़ पाई है।

जिला मुख्यालय कुल्लू से सटी लगघाटी से प्रस्तावित भूभू सुरंग के निर्माण से कुल्लू व जोगेंद्रनगर की दूरी 70 किलोमीटर कम होगी। सुरंग बनने से सेना को भी वैकल्पिक मार्ग और लगघाटी सहित कुल्लू जिले में पर्यटन को भी पंख लगेंगे। हालांकि कुल्लू से सुरंग के मुहाने तक सड़क को चौड़ा किया गया है और यह कार्य पूर्व धूमल सरकार के कार्यकाल में ही पूरा हो गया था। उसके बाद सरकार की ओर से सुरंग की डीपीआर बनाने का जिम्मा बरनाड कंपनी को सौंपा था। कुछ कार्य करने के बाद कंपनी ने भी डीपीआर बनाने से हाथ खड़े कर दिए थे। तबसे यह सुरंग अधर में है।

----------

चुनाव में आती है सुरंग की याद

भूभू जोत सुरंग का निर्माण कार्य न होने से कुल्लू व मंडीवासियों में रोष है। लोगों के अनुसार चुनाव के दिनों में ही भूभू जोत सुरंग की याद नेताओं को आती है। 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भूभू जोत सुरंग का कार्य जल्द आरंभ करने की बात कही थी। सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब सत्ता में फिर भाजपा सरकार है, लेकिन अभी सुरंग निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

-----------

2018 में मंत्रालय को डीपीआर के लिए प्रारंभिक प्रस्ताव भेजा गया है, जब मंत्रालय से इसकी स्वीकृति मिलेगी उसके बाद ही डीपीआर तैयार होगी।

-वीरेंद्र धीमान, अधिशाषी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग जोगेंद्रनगर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.