कुल्लू में देव परंपरा से छेड़छाड़ पर देवताओं ने जताई नाराजगी, अापदा के संकेत समेत दी यह बड़ी चेतावनी
देवभूमि कुल्लू के रघुनाथपुर में देवी देवताओं की संसद जगती में देव परंपरा से छेड़छाड़ पर देव समाज ने नाराजगी जताई है।
कुल्लू, जेएनएन। देवभूमि कुल्लू के रघुनाथपुर में देवी देवताओं की संसद जगती में देव परंपरा से छेड़छाड़ पर देव समाज ने नाराजगी जताई है। देवताओं ने भविष्य में आपता की चेतावनी दी है। देवताओं के गूरों ने देवभूमि में लोगों द्वारा नए नए रीति रिवाजों को शुरू करने पर आपत्ति जताते हुए इसे भविष्य के लिए खतरा बताया है। इसके अलावा अठारह करडू की सौह में फैलाई जा रही गंदगी को लेकर भी देवता काफी क्रोधित हैं। देवताओं ने अपने गूरों के माध्यम से कहा कि लोग आज बड़े हो गए हैं, हम छोटे तभी तो अपनी मर्जी के नए नए निर्णय लिए जा रहे हैं। पुराने रीति रिवाजों को छोड़कर इंसान आज नए रिवाजों को अपना रहा है, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
कोटकंडी के पंचवीर देवता के गूर ने भगवान रगुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह से कहा कि देवी देवताओं के रीति रिवाजों के साथ जो छेड़छाड़ हो रही है, उसे हल्के में न लें। उन्होंने कहा कुछ बातें ऐसी हैं जो वह यहां पर लोगों के बीच में नहीं बता सकते, इसलिए मैं कुछ बातें स्वप्न में आकर बताऊंगा, जिनका सभी को पालन करने के लिए कहें।
देवी देवताओं ने सभी को इस बात के लिए भी चेताया कि अगर सब ठीक नहीं किया तो हममें दिल्ली तक तख्ता पलट करने की क्षमता है। काली नाग के गूर ने कहा कि जो नहीं होना चाहिए था वह हुआ। देवता धुम्बल नाग के गूर ने कहा देव परंपरा से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने दो से तीन महीने में अशुभ होने की चेतावनी दी। वहीं नारद दुर्वासा ऋषि के गूर ने सभी को आने वाले समय में किसी बड़ी आपदा के लिए सतर्क रहने के लिए आगाह किया।
उन्होंने कहा पृथ्वी इस समय बहुत बड़ी मुश्किल में है, कोई भी प्राकृतिक आपदा या अन्य कोई नुकसान हो सकता है। इसका बड़ा कारण लोगों द्वारा अपनी मर्जी से लिए जा रहे फैसले और देवी-देवताओं को खिलौना समझकर उनके रीति रिवाजों से छेड़छाड़ करना है। देवता के गूर ने कहा अशुद्धि फैलाई जा रही है। इसके लिए सभी को मिलकर जप करना पड़ेगा।
ये है विवाद
बताया जा रहा है दशहरा पर्व के दौरान दिन में नेताओं के सामने देव धुन बजाने से देवता नाराज हैं। दशहरा पर्व के दौरान देवताओं के हजारों बजंतरियों ने एक साथ देव धुन बजाई थी। माना जा रहा है देव संसद में इसी पर नाराजगी जताई गई है। इसके अलावा देव धुम्बल के स्थान पर अतिक्रमण व छेड़छाड़ करने पर भी देवता नाराज हैं।