हादसे के बाद होता है ब्लैक स्पॉट सुधारने का काम
संवाद सहयोगी कुल्लू ब्लैक स्पॉट सुधारने का काम तभी होता है जब उस स्थान पर कोई हादसा
संवाद सहयोगी, कुल्लू : ब्लैक स्पॉट सुधारने का काम तभी होता है जब उस स्थान पर कोई हादसा होता है। कुल्लू जिले में कई ब्लैक स्पॉट हैं, जिन्हें ठीक नहीं किया जा रहा है। ये कभी भी बडे़ हादसे का कारण बन सकते हैं।
जिला कुल्लू में 20 से अधिक ब्लैक स्पॉट हैं जहां कोई न कोई हादसा होता रहता है। इसके अलावा जरी मोड़, सेऊंड पहाड़, बंजार का भेऊट मोड़, कुल्लू का लगघाटी मार्ग इत्यादि नए ब्लैक स्पॉट्स बन गए हैं। पुलिस हर साल ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर लोक निर्माण विभाग को सूची सौंपती है इसके बावजूद इन्हें ठीक नहीं किया जाता है। जो स्थान 10 साल पहले ब्लैक स्पॉट था वहां स्थिति आज भी वैसी ही है। सरसाड़ी में पिछले साल श्रद्धालुओं से भरी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में 40 लोग मारे गए, लेकिन आज तक उस जगह सड़क को सुधारा नहीं गया। सरसाड़ी में इसी जगह से महज 500 मीटर आगे 1996 में बस गिरी थी और हादसे में 24 लोग मारे गए थे। यहां भी स्थिति वैसी ही है। जरी में 2005 में बस गिरी थी, लेकिन उस जगह पर भी सड़क की स्थिति नहीं सुधारी गई। बंजार के भेऊट मोड़ पर बस हादसे में 44 लोगों की मौत हो गई थी वहां भी मात्र साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
उधर, हेत राम, सुरेश कुमार, दीपक ठाकुर, सुरेश, हरमन, देवेंद्र, योगेश कुमार, कमल चंद, राजेश, तारा चंद, सुरजीत, ललित का कहना है कि कुल्लू जिला में ब्लैक स्पॉट पर कम ही कार्य होता है। जहां भी ब्लैक स्पॉट घोषित किए हैं वहां हादसे के बाद ही कार्य होता है। कई जगह ब्लैक स्पॉट होने के बावजूद इन सड़कों को चौड़ा नहीं किया जाता है।
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ऐसे रोके जा सकते हैं हादसे
चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स पर चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए। ब्लैक स्पॉट से पहले स्पीड ब्रेकर बनाया जाए, सड़क किनारे पहाड़ी होने पर रेलिंग या पैरापिट लगाना। जहां तक संभव हो ब्लैक स्पॉट पर यातायात पुलिस तैनात करना। खस्ताहाल सड़कों की हालत सुधारने से हादसे को कम किया जा सकता है।
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कुल्लू के मणिकर्ण में ब्लैक स्पॉट पर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा कुल्लू में जहां पर भी ब्लैक स्पॉट घोषित किए जाते हैं उन्हें उसी समय दुरुस्त किया जाता है।
-एसके धीमान, अधीशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग कुल्लू।